अनिल काला, सीनियर टैक्स कंसल्टेंट
कोटा। इनकम टैक्स विभाग ने एक विज्ञापन देकर लोगों से कहा था कि वे अपने आसपास बेनामी संपत्ति जमा करने वालों का खुलासा करें। टैक्स चोरी के बारे में बताएं। इस तरह की जानकारी देने पर इनाम में एक से 5 करोड़ रुपये मिलेंगे। अब यह योजना इनकम टैक्स विभाग के लिए मुसीबत बन गई है।
इनाम के चक्कर में इनकम टैक्स विभाग को बेनामी संपत्ति से लेकर टैक्स चोरी तक की इतनी अधिक सूचनाएं मिल रहीं है कि उनकी जांच करने के लिए अब इनकम टैक्स विभाग के पास कर्मचारियों की कमी पड़ गई है। ऐसे में इनकम टैक्स अधिकारियों को समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें।
इनकम टैक्स विभाग के उच्चाधिकारियों ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से गुहार लगाई है कि या तो सूचनाओं की जांच का काम किसी एजेंसी से कराया जाए या फिर नई भर्तियां की जाएं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कब बेनामी संपत्ति और टैक्स चोरी की सूचनाओं की जांच होगी और कब उन पर कार्रवाई होगी।
इनकम टैक्स विभाग ने अपने विज्ञापन में कहा था कि लोग भारतीय नागरिकों की देश-विदेश में बेनामी संपत्तियों की जानकारी फोन, मेल या कूरियर से दे सकते हैं। उनका नाम गुप्त रखा जाएगा। अब हालत यह है कि इनाम के चक्कर में देशभर में आईटी दफ्तरों में लगातार फोन की घंटियां बज रही है।
आईटी विभाग के दफ्तरों में रोज सैकड़ों कॉल आ रही हैं। कमिश्नर ऑफिस में ईमेल और शिकायती चिट्ठियों का अंबार लग गया है। टैक्स चोरी की शिकायत वाले 500 पेज के कई कुरियर भेज रहे हैं। मई में ही इनकम टैक्स विभाग को बेनामी संपत्ति को लेकर करीब 600 जानकारियां मिलीं।
अब इन 600 जानकारियों की जांच करना इनकम टैक्स विभाग के लिए मुसीबत बन हुआ है। इनकम टैक्स विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि उनके पास पहले से ही बहुत काम है। उसके लिए कर्मचारी कम थे, अब बेनामी संपत्ति और टैक्स चोरी को लेकर जिस तरह का रिस्पॉन्स मिल रहा है, उसको पूरा करना अब मुश्किल हो गया है।
इनकम टैक्स विभाग में इस वक्त करीब 45,000 कर्मचारी हैं। 30,000 पद करीब 2 साल से खाली है। इनमें अधिकतर एक्जिक्युटिव असिस्टेंट और टैक्स असिस्टेंट के पद हैं। इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के ही 3,000 पद खाली हैं। सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के समय भी इनकम टैक्स विभाग ने सरकार से इन पदों को भरने को कहा था, मगर अभी तक इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया।