JEE Advanced के स्तर काे रिव्यू करेगी आईआईटी काउंसिल

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कोटा। इस साल की सभी महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाएं समाप्त होने के बाद अब उनके पर रिव्यू का काम शुरू होने जा रहा है। इस साल सबसे चौंकाने वाले रिजल्ट जेईई एडवांस्ड का रहा। इसमें मात्र 18 हजार स्टूडेंट्स क्वालिफाई हुए, हालांकि मानव संसाधन मंत्रालय के आदेश के बाद इस परिणाम को बदला गया और संशोधित रिजल्ट में 30 हजार स्टूडेंट्स को क्वालिफाई किया गया।

बात यहीं पर समाप्त नहीं होती है। मानव विकास संसाधन मंत्रालय ने पहली बार माना है कि आईआईटी की ओर से आयोजित एडवांस्ड का स्टैंडर्ड 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स की योग्यता से काफी कठिन होता है। दूसरी ओर, एक्सपर्ट इसके स्टैंडर्ड की वजह से एडवांस्ड को विश्व के सबसे कठिन एग्जाम में मानते हैं।

एक तरफ मानव संसाधन मंत्रालय का तर्क है कि एवरेज स्टूडेंट्स आईआईटी में दाखिला नहीं ले पाते। दूसरी ओर, ऐसे उदाहरण सामने आए हैं कि 10वीं में औसत अंक हासिल करने वाले गरीब व कमजोर तबके के स्टूडेंट्स भी आईआईटी जा रहे हैं।

अब इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए 21 अगस्त को एमएचआरडी व आईआईटी काउंसिल की मीटिंग होने जा रही है।इस मीटिंग की अध्यक्षता मानव संसाधन मंत्रालय के मंत्री प्रकाश जावड़ेकर करेंगे। पहले मंत्री जावड़ेकर की पहल पर ही आईआईटी ने एडवांस्ड का रिजल्ट रिवाइज किया था। 

तीन बड़ी परीक्षाओं पर सवाल
अभी तक एम्स व सीबीएसई टाई के नियम पर कोई कदम नहीं उठा रही है। इस साल पहली बार सीबीएसई की ओर से आयोजित जेईई मेन में पहली रैंक पर छह स्टूडेंट्स व एम्स में पहली रैंक पर चार स्टूडेंट्स के बीच टाई हुआ। इसके बाद अपने-अपने नियम के कारण दोनों परीक्षा में टॉपर घोषित किया गया। कुल मिलाकर इस साल तीन बड़ी परीक्षाएं सवालों के घेरे में आ गई।

कोटा के स्टूडेंट्स ने दिया बेहतर रिजल्ट
कोटा के स्टूडेंट्स ने एडवांस्ड का पेपर पहली बार ऑनलाइन होने व स्तर मुश्किल होने के बाद भी जबरदस्त प्रदर्शन किया। ऑल इंडिया सेकंड व गर्ल टॉपर के साथ टॉप टेन में छात्र दिए। मेन में कोटा के ही छात्र ने सबसे अधिक 350 अंक हासिल किए। एम्स में टॉप टेन में से नौ छात्र कोटा से रहे। इसके साथ ही इन परीक्षाओं में सबसे ज्यादा सलेक्शन भी कोटा से ही हुए हैं।