किसानों का 250 करोड़ रुपए का कर्ज एक ही दिन में माफ

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जयपुर। राजस्थान सरकार ने बांसवाड़ा से गुरुवार को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी घोषणा किसान कर्जमाफी की शुरुआत कर दी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कर्जमाफी प्रमाण पत्र वितरित किए। समारोह में एक लाख 9 हजार किसानों के कुल 250 करोड़ रुपए के कर्जमाफ किए गए। राजे ने 28 किसानों को कर्जमाफी प्रमाण पत्र प्रदान किए। इसके अलावा नए ऋण स्वीकृति का प्रमाण पत्र भी दिया।

योजना में लघु एवं सीमांत किसानों के 30 सितंबर, 2017 तक के ओवरड्यू ऋण पर बकाया ब्याज और पेनल्टी माफ करने के बाद शेष बचे ऋण में से 50 हजार तक का कर्जा माफ किया गया है। इस योजना में ऐसे किसानों का भी कर्जा माफ किया गया है जो लघु एवं सीमांत नहीं हैं और जिनकी भूमि 2 हेक्टेयर से ज्यादा है।

4 जून से पूरे प्रदेश में ऋण माफी प्रमाण पत्र वितरण शिविर लगाए जाएंगे। राजे ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में यह पहली सरकार है जिसने किसानों का पचास हजार रुपए तक का कर्जा माफ किया है, जबकि पिछली दो केन्द्र सरकारों ने किसानों का मात्र दस-दस हजार रुपए तक का ही कर्जा माफ किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा- दो लाख कृषि कनेक्शन दिए, दो लाख और देंगे
– राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने चार सालों में दो लाख कृषि कनेक्शन दिए हैं। इतने ही कृषि कनेक्शन इस साल और दिए जाएंगे। वसुंधरा ने कहा कि हमारी सरकार ने साढ़े चार साल में किसानों पर बिजली की दरों में वृद्धि का भार नहीं पड़ने दिया है।

प्रदेश में 30 लाख किसानों के साढ़े 8 हजार करोड़ के कर्ज होंगे माफ
– प्रदेश के 29 लाख 30 हजार किसानों के कृषि ऋण माफ कर सरकार आने वाले चुनावों में वापसी का रास्ता तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गुरुवार को बांसवाड़ा में राज्यस्तरीय समारोह से इसकी शुरुआत कर दी। सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि 4 जून से प्रदेश भर में कर्जमाफी के शिविर लगाए जाएंगे।
– उन्होंने कहा कि जो किसान ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें राहत देने के लिए एक स्थायी संस्था के रूप में कृषक ऋण राहत आयोग का गठन किया जा रहा है। ऋणी किसान इस आयोग के सामने अपना पक्ष रख सकेंगे जिस पर उसे मेरिट के आधार पर राहत मिल सकेगी।

दुर्घटना पर बीमा क्लेम 20 गुना बढ़ाया
– राज सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना में किसानों की दुर्घटना में मृत्यु या स्थाई रूप से अंग-भंग होने पर केवल 50 हजार रुपए का बीमा लाभ मिलता था जिसे 10 लाख रुपए किया है। पहले प्राकृतिक आपदा में 50% खराबे पर सहायता मिलती थी, जिसे 33 प्रतिशत कर दिया है।