नई दिल्ली। अमेरिकी और चीन के बीच छिड़ी ट्रेड वॉर से करंसी और कमोडिटी मार्केट में भारी उठापटक हो रही है, जिसने सोने की चमक अचानक बढ़ा दी। गोल्ड रातोंरात एक महीने की ऊंचाई पर चला गया है। वहीं, एक हफ्ते पहले तक दबाव में रहनेवाले कच्चे तेल की चाल भी बदल गई है। सऊदी अरब ने अगले साल भी ओपेक के उत्पादन में कटौती का संकेत दिया है।
इसलिए बढ़ेंगे दाम
मौजूदा हालात में मॉर्गन स्टैनली ने इस साल के अंत तक ब्रेंट की कीमत 75 डॉलर तक जाने की आशंका जताई है। पीपी जूलर्स के वाइस प्रेजिडेंट पवन गुप्ता का कहना है कि शेयर मार्केट पर इस ट्रेड वॉर का नकारात्मक असर पड़ना तय है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए गोल्ड की तरफ जाएंगे।
तब गोल्ड जल्द ही 32,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। गोल्ड की कीमतों में बढ़ोतरी कब तक जारी रहेगी, यह कहना जल्दबाजी होगी। अब यह देखना है कि ट्रेड वॉर कहां तक जाता है।
मॉर्गन स्टैनली की चिंता
ट्रेड वॉर पर दिग्गज ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्टैनली ने चिंता जाहिर की है। मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि ग्लोबल इन्वेंट्री 5 साल के निचले स्तर के पास कामकाज कर रही है। भू-राजनैतिक संकटों की वजह से ब्रेंट क्रूड 75 डॉलर तक जा सकता है क्योंकि दूसरी छमाही में मांग बढ़ने का अनुमान है।
ऐसे कच्चे तेल की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है। बीते 2 हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतों में 10 प्रतिशत तक की उछाल देखने को मिली है। ट्रेड वॉर के कारण साल 2019 में भी ओपेक की सप्लाई में कमी की संभावना जताई जा रही है।
सऊदी अरब 2019 में सप्लाई घटाने के पक्ष में है। इधर, अमेरिका की ईरान पर आर्थिक पाबंदी की तैयारी की जा रही है। अगर ईरान पर आर्थिक पाबंदी लगी तो कच्चे तेल की आपूर्ति घटेगी।