नई दिल्ली। मेडिकल कोर्सों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाले टेस्ट नीट 2018 के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 12 मार्च यानी सोमवार को बंद हो गई है। नैशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) के आवेदन की प्रक्रिया 8 फरवरी, 2018 से शुरू हुई थी।
अगर आवेदन फॉर्म में किसी तरह की गलती रह गई है तो उसको आप 16 मार्च शाम 5 बजे तक सही कर सकते हैं। सीबीएसई फॉर्म में दी गई गलत जानकारी को सही करने का मौका दे रहा है। परीक्षा का आयोजन 6 मई, 2018 को होगा। इस साल नीट को लेकर कुछ विवाद भी हुआ था और मामला कोर्ट तक पहुंचा। आइये जानें क्या थे विवाद और कोर्ट ने क्या फैसला दिया…
सारी भाषाओं में एक ही सेट
पिछले साल कुछ छात्रों ने अलग-अलग भाषा में अलग-अलग क्वेस्चन सेट और कठिनाई स्तर होने की शिकायत की थी। छात्रों का कहना था कि हिंदी और इंग्लिश के मुकाबले क्षेत्रीय भाषा के प्रश्नपत्र काफी कठिन थे। छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से फैसला छात्रों के पक्ष में आया।
सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा का आयोजन करने वाली सीबीएसई को आदेश दिया कि सभी भाषाओं यानी हिंदी और इंग्लिश के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में प्रश्न पत्र के सेट एक ही हों बल्कि इनका ही क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराया जाए।
एनआईओएस और ओपन के स्टूडेंट भी दे सकेंगे एग्जाम
शुरू में एनआईओएस और ओपन के स्टूडेंट्स को परीक्षा देने के अधिकार से वंचित कर दिया गया था। सीबीएसई के इस फैसले को भी दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती देने पर छात्रों के हक में फैसला आया और एनआईओएस एवं ओपन के स्टूडेंट्स को परीक्षा देने की अनुमति मिली।
आधार कार्ड जरूरी नहीं
नीट आवेदन के लिए शुरू में आधार कार्ड या आधार नंबर को अनिवार्य करार दिया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि नीट 2018 और अन्य ऑल इंडिया एग्जाम्स के लिए आधार जरूरी नहीं है।