कोटा। गांव व ढाणियों का दूध सरस डेयरी में क्वालिटी के साथ पहुंचे और गर्मियों में दूध की गुणवत्ता खराब न हो इसके लिए सरस डेयरी की 125 दुग्ध समितियों में बीएमसी (बल्क मिल्क कूलर) की जरूरत है। इनमें से 50 बीएमसी की नेशनल डेयरी प्लान फर्स्ट के तहत 50 बीएमसी स्वीकृत मिल चुकी है। इसके टेंडर भी हो चुके हैं। वहीं, 75 बीएमसी की और डिमांड की है।
यह मशीनें दूध को 5 डिग्री से कम तापमान में सहेज कर रखती हैं। कोटा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के चेयरमैन श्रीलाल गुंजल ने बताया कि संघ के पास 750 दुग्ध समितियां हैं और इनके बीच कम से कम 250 बीएमसी होने चाहिए। वर्तमान में 105 बीएमसी से दूध एकत्रित करके डेयरी प्लांट में लाया जा रहा है।
ऐसे में अभी 1 लाख 34 हजार लीटर दूध डेयरी में आ रहा है। दूध की क्षमता बढ़ाने के लिए संघ बीएमसी मशीनें बढ़ाना चाहता है। ऐसे में सरकार को बजट घोषणा के बाद 75 बीएमसी की डिमांड भेजी गई। 50 बीएमसी स्वीकृत मिली हुई है। इनके टेंडर कर दिए गए हैं। इन बीएमसी में 1000 से 2000 लीटर दूध सुरक्षित रखा जा सकता है।
इस प्रकार जल्द ही 50 दुग्ध समितियों में 50 बीएमसी लगा दी जाएंगी। नेशनल डेयरी प्लान फर्स्ट से 50 के अलावा बाद में सरकार से 75 बीएमसी मिलने पर डेयरी के पास 230 बीएमसी हो जाएगी।
दूध की आवक डबल हो जाएगी : एमडी श्याम बाबू वर्मा ने बताया कि दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने 14 फरवरी को सरकार को 75 बीएमसी की डिमांड के प्रस्ताव भेजे हैं। 50 बीएमसी नेशनल डेयरी प्लान फर्स्ट के तहत लगेंगी। ऐसे में 230 दुग्ध समितियों में बीएमसी लगने से डेयरी में दूध की आवक डबल हो जाएगी।