ई-वे बिल एक अप्रैल से लागू करने की सिफारिश : सुशील मोदी

0
846

नई दिल्‍ली। तकनीकी खामियों की वजह से अटका ई-वे बिल 1 अप्रैल से लागू हो सकता है। जीएसटी के क्रियान्वयन पर बने ग्रुप ऑफ मिनिस्‍टर्स ने इंटर स्‍टेट गुड्स के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू करने की सिफारिश की है जबकि राज्य के भीतर ई-वे बिल बाद में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा।

9.5 लाख टेक्‍सपेयर्स रजिस्‍टर्ड
शनिवार को ग्रुप ऑफ मिनिस्‍टर के चेयरमैन सुशील मोदी ने कहा, हमने 1 अप्रैल 2018 से इस व्‍यवस्‍था को लागू करने की सिफारिश की है। इस संबंध में आखिरी मंजूरी GST काउंसिल की ओर से दी जाएगी।

बिहार के डिप्‍टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि इसके लागू होने पर 26 से 30 लाख ई-वे बिल जेनरेट होने की उम्मीद है। उन्‍होंने कहा कि 9.5 लाख टेक्‍सपेयर्स ई-वे बिल पोर्टल से रजिस्‍टर्ड हैं। इनमें 6.5 लाख ई-वे बिल्‍स हर दिन जेनरेट होते हैं।

1 फरवरी से लागू होना था
जीएसटी व्यवस्था के तहत अहम ई-वे बिल को 1 फरवरी से लागू होना था, लेकिन तमाम अड़चनों के कारण इसका क्रियान्वयन टालना पड़ा था। आपको बता दें कि इसके लागू होने के बाद दूसरे राज्यों में माल लाने और ले जाने में आसानी होगी। साथ ही, इसके लिए अब अलग-अलग परमिट (ट्रांजिट पास) की जरूरत भी नहीं होगी, बल्कि एक ई वे बिल पूरे देश में मान्य होगा। कई राज्यों में ई वे बिल पहले से ही लागू है। 

क्या है ई वे बिल
जीएसटी लागू होने के बाद 50 हजार रुपए या ज्यादा के माल को एक राज्य से दूसरे राज्य या राज्य के अंदर 10 किलोमीटर या अधिक दूरी तक ले जाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक परमिट की जरूरत होगी। इस इलेक्ट्रॉनिक बिल को ही ई वे बिल कहते हैं, जो जीएसटीएन नेटवर्क के अंतर्गत आता है।