नई दिल्ली। तकनीकी खामियों की वजह से अटका ई-वे बिल सात मार्च से लागू हो सकता है। जीएसटी व्यवस्था के तहत अहम ई-वे बिल को एक फरवरी से लागू होना था, लेकिन तमाम अड़चनों के कारण इसका क्रियान्वयन टालना पड़ा था।
राज्यों के भीतर और एक राज्य से दूसरे राज्यों में 50 हजार रुपये से ज्यादा के सामान की आवाजाही के लिए ई-वे बिल अनिवार्य होगा। इसके लिए ऑनलाइन बिल उत्पन्न करना होगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल इनफारमेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने ई-वे बिल सिस्टम को एक अप्रैल से लागू करने का अनुरोध सरकार से किया था।
हालांकि सरकार ने इसे पहले लागू करने का मन बनाया है, ताकि व्यावहारिक दिक्कतों को भी समय रहते दूर किया जा सके और एक अप्रैल से चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था रखी जा सके। एनआईसी के अधिकारियों के मुताबिक, ई-वे बिल की लांचिंग की तैयारियां जोरों पर हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने राज्यों के बीच सामान की आवाजाही में ई-वे बिल के लिए कमर कस ली है। जबकि राज्यों के भीतर ई-वे बिल की अनिवार्यता के लिए राज्य सरकारों को जून तक का समय दिया गया है। सरकार की कोशिश है कि ई-वे बिल पोर्टल रोजाना लाखों बिल उत्पन्न करने की क्षमता पर खरा उतरे।