नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए 11,400 करोड़ रुपए के फ्रॉड के दायरे में दूसरी कंपनियां भी आने लगी हैं। इस क्रम में अब गीतांजलि, गिन्नी और नक्षत्र जैसी कंपनियां भी जांच एजेंसियों के निशाने पर आ गई हैं।
पीएनबी ने बुधवार को मुंबई की अपनी एक ब्रांच में 11,330 करोड़ रुपए ( 1.8 अरब डॉलर) का फ्रॉड पकड़ने का खुलासा किया था। इस मामले में बैंक ने 10 इम्प्लॉइज को सस्पेंड कर दिया है। बैंक ने इस रकम की रिकवरी के लिए मामले को जांच एजेंसियों को रेफर कर दिया है।
बैंकों के साथ अरेंजमेंट और पैसे की यूज की हो रही है जांच
एक पब्लिक सेक्टर के बैंक के एक सीनियर अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘चार बड़े ज्वैलर्स गीतांजलि, गिन्नी, नक्षत्र और नीरव मोदी रडार पर हैं। सीबीआई और एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) विभिन्न बैंकों के साथ उनके अरेंजमेंट और पैसे के इस्तेमाल की जांच कर रही हैं।’ हालांकि इन कंपनियों की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
वित्त मंत्रालय ने बैंकों को दिए निर्देश
अधिकारी के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी बड़ा व्यक्ति बचना नहीं चाहिए और किसी ईमानदार बॉरोअर का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंक अब अपने सिस्टम और प्रोसेस की जांच कर रहे हैं, जिससे दुबारा फ्रॉड नहीं हो सकें। सभी बैंकों से जल्द से जल्द स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिए कह दिया गया है।
2015 में हुए स्कैम में आया था BOB का नाम
एक अन्य पब्लिक सेक्टर बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा 2015 में एक स्कैम को लेकर सुर्खियों में आ गया, जब दिल्ली के दो बिजनेसमैन ने 6 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की थी।
जांच में भारी अनियमितताएं सामने आईं, क्योंकि फॉरेक्स ट्रांजैक्शंस मुख्य रूप से नए खोले गए करंट अकाउंट्स के माध्यम से इंपोर्ट के लिए एडवांस रेमिटैंस के लिए किए गए थे।
यह भी देखने में आया कि कई बार तो एक दिन में चार या पांच बार भारी कैश ट्रांजैक्शंस हुए। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अंतर्गत आने वाले एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने मनी लॉन्डरिंग के आरोपों में दो कारोबारियों को अरेस्ट किया था।
पीएनबी ने जारी किया था यह बयान
पीएनबी ने एक स्टेटमेंट में कहा कि मुंबई की उसकी एक ब्रांच से हुए फ्रॉड ट्रांजैक्शंस से कुछ चुनिंदा अकाउंट होल्डर्स को फायदा हुआ। भाई निशाल, पत्नी ऐमी और मेहुल चीनूभाई चोकसी द्वारा किए गए इन ट्रांजैक्शंस के आधार पर अन्य बैंकों ने इन कस्टमर्स को विदेश में अग्रिम पैसा दिया। यह सब उच्च पदस्थ अधिकारियों की मदद से किया जा रहा था, जैसे 2011 से डिप्टी जनरल मैनेजर द्वारा हो रहा था।
सीबीआई को मिलीं दो शिकायतें
सीबीआई को पीएनबी से अरबपति डायमंड मर्चेंट नीरव मोदी और एक ज्वैलरी कंपनी के कथित फ्रॉड ट्रांजैक्शंस से संबंधित दो शिकायतें मिलीं। ज्वैलरी क्रिएशन को लेकर ग्लोबल सेलिब्रिटीज के बीच लोकप्रिय मोदी को सीबीआई की तरफ से नई जांच का सामना करना पड़ सकता है।
क्योंकि एजेंसी मामले में लीगल एक्शन लेने पर विचार कर रही है। सीबीआई पहले से ही उनके खिलाफ पीएनबी की एक ब्रांच से 280 करोड़ रुपए की कथित धोखाधड़ी और फ्रॉड में लिप्तता को लेकर भी जांच कर रही है।