नई दिल्ली। म्युचुअल फंड में 15 फरवरी से निवेश के लिए आधार देना जरूरी हो जाएगा। निवेशक सिर्फ 14 फरवरी तक ही बिना आधार के निवेश कर सकते हैं। बीएसई ने इस बात का सर्कुलर जारी कर दिया है। इस सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि म्युचुअल फंड में निवेश करने वालों को 31 मार्च 2018 तक अपना आधार लिंक कराना जरूरी है, नहीं तो उनका निवेश ब्लॉक कर दिया जाएगा। ऐसे निवेशक अपने निवेश को बिना आधार लिंक कराए निकाल नहीं सकेंगे।
सरकार ने नियमों को किया है संशोधन
सरकार ने पिछले साल जून में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग (मेन्टीनेंस ऑफ रिकॉर्ड) रूल्स में संशोधन किया है। इसके तहत सभी तरह म्युचुअल फंड, शेयर बाजार और बैंकों में आधार को लिंक कराना जरूरी हो गया है। इसके अनुसार अगर निवेशकों के म्युचुअल फंड में एक से ज्यादा फोर्टफोलिया (खाते) हैं तो सभी को अाधार से लिंक कराना जरूरी है।
BSE ने जारी किया सर्कुलर
BSE ने अपने सर्कुलर में साफ-साफ कहा है कि वर्तमान और 14 फरवरी तक निवेश करने वाले इन्वेस्टर अपने म्युचुअल फंड फोलियो में 31 मार्च 2018 तक आधार को लिंक करा लें। ऐसा न करने वालों के म्युचुअल फंड फोलियो को सीज कर दिया जाएगा। इसके बाद निवेशक इन फोलियो में कोई ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे। जब निवेशक अपना आधार म्युचुअल फंड फोलियो से लिंक करा लेंगे तभी वह फिर से ट्रांजैक्शन कर पाएंगे।
बाद में आधार देने वालों के अंतिम मौका
फाइनेंशियल एडवाइजर फर्म बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम के अनुसार अगर किसी के पास अभी आधार नहीं है और वह बाद में देना चाहता है तो उसके लिए अभी मौका है। ऐसे निवेशक 14 फरवरी तक निवेश कर सकते हैं। यह निवेशक बाद में 31 मार्च तक अपना आधार इन फोलियो में लिंक करा सकते हैं।
हालांकि इन्होंने कहा कि सरकार ने पहले आधार लिंक कराने की अंतिम तिथि 31 दिसबंर 2017 तय की थी, जिस बाद में बढ़ाकर 31 मार्च 2018 किया गया था। ऐसे में अगर सरकार अपने फैसले में संशोधन करे तो ठीक हैं, नहीं तो निवेशकों को ऐसा करना जरूरी होगा।
6 करोड़ से ज्यादा हैं म्युचुअल फंड फोलियो
देशभर में म्युचुअल फंड में दिसबंर 2017 तक 66,486,373 फोलियो (खाते) थे। इन म्युचुअल फंड फोलियो में 62,539,805 रिटेल इंवेस्टर के थे। बाकी फोलियाे में से 3,546,756 हाई नेथवर्थ (HNI) और 399,812 संस्थागत निवेशकों के थे।