बेंगलुरु। अवॉर्ड विनिंग और बहुभाषी अभिनेत्री श्रुति हरिहरन ने फिल्म इंडस्ट्री के स्याह सच को सामने लाते हुए कास्टिंग काउच का मुद्दा उठाया है। अभिनेत्री का कहना है कि दक्षिणी फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच जैसी चीजें अभी हैं।
यही नहीं अभिनेत्री ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि वह खुद भी इसका शिकार रह चुकी हैं। श्रुति ने फिल्म क्षेत्र में करियर बनाने वाली नौजवान युवतियों को कास्टिंग काउच के लिए ‘न’ कहने की अपील की।
श्रुति को कर्नाटक राज्य फिल्म अवॉर्ड्स 2016 की ओर से बेस्ट ऐक्ट्रेस से सम्मानित किया गया था। हाल ही में हैदराबाद में आयोजित हुए एक पैनल डिस्कशन में श्रुति ने भी हिस्सा लिया था जहां उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के डार्क साइड को उजागर करते हुए खुलकर अपनी बात रखी थी। इसके बाद फेसबुक पोस्ट पर भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया जिसने सोशल मीडिया में नई बहस खड़ी की।
‘न कहना बेहद जरूरी’
वह लिखती हैं, ‘मैं ऐसी कई महिलाओं को जानती हूं जो मेरी तरह ही कास्टिंग काउच की विक्टिम रह चुकी हैं। मैं कई ऐसी महिलाओं को भी जानती हूं जिन्होंने इनकार करके इसका विरोध किया। एक स्टैंड लेना और न कहना… यह बहुत जरूरी कदम है। इसका मतलब ये भी है कि आप फिल्म मिलने के अवसर को खोने वाली हैं।’
श्रुति ने यह भी लिखा कि कास्टिंग काउच हमें हमारा पहला अवसर दिला सकती है लेकिन ये इंडस्ट्री में बने रहने के लिए कभी कारगर नहीं होती। सिर्फ टैलंट और योग्यता के आधार पर आप आगे बढ़ते हैं और खुद को प्रफेशनल के रूप में सुधार सकते हैं।
18 साल में हुई थीं कास्टिंग काउच का शिकार
श्रुति ने चर्चा में अपनी आपबीती सुनाई थी, ‘जब मैं 18 साल की थी तो मेरी पहली कन्नड़ फिल्म के दौरान मैं कास्टिंग काउच की शिकार हुई थी। चार साल बाद तमिल सिनेमा के एक लीडिंग प्रोड्यूसर ने मेरे अधिकारों का हनन करने की कोशिश की।
उन्होंने मुझे फिल्म के रिमेक में वही किरदार ऑफर किया जो पहली फिल्म में था। उन्होंने कहा, हम पांच प्रोड्यूसर हैं और हम बदले में आपसे वो मांगेंगे जो हम चाहते हैं। मैंने जवाब दिया कि मैंने अपने साथ चप्पल भी ले रखी है।’