नई दिल्ली। चालू सीजन के दौरान देश में धनिया का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम रहने के समाचार है हालाँकि गत दिनों जोधपुर में हुई धनिया सेमिनार में धनिया उत्पादन गत वर्ष के बराबर रहने की बात कही गई थी। लेकिन अधिकांश व्यापारी वर्ग सहमत नहीं है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 के दौरान देश में धनिया का उत्पादन 1/1.0 करोड़ बोरी होने के अनुमान लगाए गए थे जबकि वर्ष 2023 में पैदावार 1.50/1.60 करोड़ बोरी की रही थी।
जोधपुर सेमिनार में धनिया उत्पादन के अनुमान 1 करोड़ बोरी के लगाए गए हैं। लेकिन व्यापारियों का मानना है कि पैदावार 85/90 लाख बोरी से अधिक नहीं आएगी। पैदवार कम रहने के अलावा बकाया स्टॉक भी गत वर्ष की तुलना में कम माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि गत वर्ष मार्च माह के दौरान उत्पादन केन्द्रों पर धनिया का स्टॉक 70/75 लाख बोरी का था जोकि इस वर्ष 40/45 लाख बोरी का माना जा रहा है।
राज्यवार उत्पादन: व्यापारियों का कहना है कि उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई का क्षेत्रफल घटने के कारण इस वर्ष कुल पैदावार प्रभावित हुई है। बिजाई में भी विलम्ब हुआ है। अनुमान गया जा रहा है कि प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में इस वर्ष धनिया उत्पादन 40/45 लाख बोरी होने की संभावना है जबकि मध्य प्रदेश में उत्पादन 30/32 लाख बोरी माना जा रहा है। राजस्थान एवं अन्य क्षेत्रों में उत्पादन 14/15 लाख बोरी होने की संभावना है।
आवक में विलम्ब: उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई देरी तक होने के कारण इस वर्ष नए मालों की आवक में विलम्ब हो रहा है। उल्लेखनीय है कि गुजरात की मंडियों में जनवरी अंत या फरवरी में धनिया की आवक पूरे जोरों पर होनी थी लेकिन इस वर्ष नए मालों की आवक का दबाव मार्च माह में बनेगा। वर्तमान में गुजरात की मंडियों में नए धनिया की आवक बढ़ने लगी है। गोंडल मंडी में आवक 38/40 हजार बोरी, जूनागढ़ 2500/3000 बोरी राजकोट 10/12 हजार बोरी की आवक हो रही है। नए मालों में अभी 5/15 प्रतिशत की कमी आ रही है। जिस कारण से नए मालों के क्वालिटीनुसार भाव 6000/9000 रुपए प्रति क्विटल बोले जा रहे है। मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की मंडियों में नए मालों की आवक शुरू हो चुकी है लेकिन आवक का दबाव होली पश्चात बनेगा।
उपलब्धता एवं खपत: व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि हमारी घरेलू खपत एवं निर्यात को मिलाकर लगभग 1.40/1.50 करोड़ की आवश्यकता होती है लेकिन वर्ष 2025 के दौरान 85/90 लाख बोरी की पैदावार एवं 40/45 लाख बोरी बकाया स्टॉक को मिलाकर कुल उपलब्धता 1.30/1.35 करोड़ बोरी की रहेगी। जिस कारण आगामी दिनों में धनिया के भाव मजबूत रहने की संभावना है।
तेजी-मंदी: व्यापारियों का मानना है कि हाल-फिलहाल कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि मार्च माह के दौरान मंडियों में धनिया की आवक अच्छी बनी रहेगी। लेकिन आवक का दबाव घटने के पश्चात कीमतों में तेजी देखी जा सकती है। वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर धनिया ईगल का भाव 70/74 रुपए एवं बादामी का भाव 68/70 रुपए प्रति किलो चल रहा है। व्यापारिक धारणा है कि वर्ष 2025 में धनिया वर्ष 2022 का स्तर छू सकता है। अप्रैल- 2022 में मंडियों में धनिया ईगल का भाव 115/120 रुपए एवं बादामी का भाव 110/115 रुपए का हो गया था। जानकारों का मानना है कि आगामी दिनों में अन्य मालों की आवक का दबाव बनने पर वर्तमान कीमतों में 5/7 रुपए की गिरावट आ सकती है।
आयातित माल: हालांकि देश में धनिया की पैदावार पर्याप्त होती है। लेकिन आयातित माल के भाव कम होने के कारण प्रति वर्ष के आयातक विदेशों में धनिया का आयात करते हैं। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में धनिया का आयात केवल 8777 टन का हुआ था जोकि वर्ष 2022-23 में बढ़कर 31383 टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2023-24 के दौरान 28828 टन का आयात हुआ। चालू सीजन के दौरान देश में धनिया के भाव कम होने के कारण वर्ष 2024-25 में आयात कम रहने के अनुमान लगाए जा रहे है।
निर्यात: मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 के प्रथम आठ माह में धनिया का निर्यात गत वर्ष की तुलना में 53 प्रतिशत कम हुआ है। अप्रैल-नवम्बर 2023 के दौरान धनिया का निर्यात 81045 टन का हुआ था जबकि चालू सीजन के अप्रैल-नवम्बर – 2024 के दौरान निर्यात 38315 टन का रहा। वर्ष 2023-24 के दौरान धनिया का रिकॉर्ड निर्यात 108624 टन का हुआ था।