नई दिल्ली। देश से वस्तुओं के निर्यात की धीमी वृद्धि से व्यापार घाटा जनवरी में बढ़कर 23 अरब डॉलर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि में 16.5 अरब डॉलर था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम की कीमतों में नरमी और दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता से निर्यात पर असर पड़ा है।
वाणिज्य विभाग द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी में वस्तुओं का निर्यात 2.4 फीसदी घटकर 36.43 अरब डॉलर रहा। दूसरी ओर आयात 10 फीसदी बढ़कर 59.4 अरब डॉलर पहुंच गया। सोने का आयात 40.8 फीसदी, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का 17.8 फीसदी, रसायन 71.8 फीसदी और अलौह धातुओं का आयात 26 फीसदी बढ़ा है।
खाद्य तेल का आयात भी 11.4 फीसदी बढ़ा है। देश के कुल आयात में कच्चे तेल की हिस्सेदारी 22 फीसदी है मगर इसका निर्यात जनवरी में 13.5 फीसदी घटकर 13.4 अरब डॉलर का रहा। वैश्विक बाजार में पेट्रोलियम कीमतों में लगातार गिरावट और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की मांग घटने से जनवरी में पेट्रोलियम निर्यात में 58.7 फीसदी कमी आई।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘तेल के निर्यात में तेज गिरावट के कारण जनवरी में वस्तुओं का निर्यात 2.4 फीसदी गिरा है जबकि गैर-तेल निर्यात में 14.5 फीसदी की वद्धि हुई है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी के दौरान तेल का निर्यात महज 1.4 फीसदी बढ़ा है।’
निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि आयात में तेजी और व्यापार घाटा बढ़ना चिंताजनक है जिसका घरेलू उद्योग और व्यापार संतुलन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी के दौरान निर्यात 1.39 फीसदी और आयात 7.4 फीसदी बढ़ा है।
जनवरी में सेवाओं का निर्यात 24.3 फीसदी बढ़कर 38.5 अरब डॉलर रहा और इसका आयात 22.8 फीसदी बढ़कर 8.2 अरब डॉलर रहा। इससे सेवा निर्यात में भारत 20.3 अरब डॉलर के अधिशेष में है। हालांकि सेवा निर्यात के आंकड़े अनुमानित हैं और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आंकड़े जारी किए जाने के बाद इसे संशोधित किया जाएगा।