कोटा। JEE Main 2025 Paper Analysis: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी-एनटीए की ओर से बीई/बीटेक के लिए आयोजित जनवरी सेशन की जेईई मेन परीक्षा बुधवार को सम्पन्न हो गई। जनवरी सेशन का डिफिकल्टी लेवल मॉडरेट टु टफ माना जा रहा है। गुरुवार को बीआर्क/बीप्लानिंग के लिए जेईई मेन परीक्षा का पेपर 2 होगा। यह एक शिफ्ट में ही होगा।
मोशन एजुकेशन के फाउंडर और सीईओ नितिन विजय ने बताया कि 22, 23, 24, 28 और 29 जनवरी यानी पांच दिन हुए 10 पेपर के ओवरआल डिफिकल्टी लेवल की बात करें तो यह मॉडरेट टु टफ रहा। इसमें मैथ्स हमेशा की तरह लेंदी और टफ रहा जबकि फिजिक्स मॉडरेट और केमिस्ट्री आमतोर पर इजी टु मॉडरेट रही।
स्टूडेंट्स के मुताबिक जेईई 29 जनवरी शिफ्ट 1 पेपर का डिफिकल्टी लेवल आसान से मध्यम रहा। सवाल संतुलित और करने योग्य थे। हालांकि, मैथ्स सेक्शन लंबा और कठिन था। फिजिक्स में कुछ समय लेने वाले सवाल थे। कुल मिलाकर पेपर कॉन्सेप्ट-आधारित सवालों के साथ क्यूरेट किया गया था।
एडवांस के लिए कट ऑफ़ कम होने के आसार
नितिन विजय ने बताया कि जेईई मेन सीएस कटऑफ अंक तैयार करते समय आवेदकों की संख्या, प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन और परीक्षा का कठिनाई स्तर जैसे कारकों को आधार माना जाता है। इस बार जेईई मेन्स परीक्षा में कुल 75 सवाल आए। इसमें मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री सेक्शन में 25-25 सवाल पूछे गए। हर सेक्शन में 20 बहुविकल्पीय और पांच सवाल न्यूमेरिकल थे।
गत वर्ष तक कुल 90 सवाल होते थे। इसमें मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री तीनों विषय में 10-10 सवाल न्यूमेरिकल होते थे, जिसमें से केवल 5-5 सवाल ही हल करने होते थे। इस बार चॉइस समाप्त हो गई और स्टूडेंट्स को सभी पांच सवाल अनिवार्य रूप से हल करने पड़े। इससे पेपर डिफिकल्टी लेवल बढ़ गया। ऐसे में इससे एडवांस का काट ऑफ़ कम होने के आसार है। संभावना है कि कट ऑफ सामान्य के लिए 92+, ईडब्ल्यूएस की 83+, अन्य पिछड़ा वर्ग-एनसीएल की 81+ और अनुसूचित जाति की 63+ और अनुसूचित जनजाति की 48 + रहे सकती है ।
यह मानी जाती है अच्छी और औसत रैंक
जेईई मेंन 2025 जनवरी सेशन के लिए 13.8 लाख कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। जेईई मेन में टॉप 2000 रैंक को असाधारण माना जाता है और इससे प्रमुख आईआईआईटी (ट्रिपल आईटी ), एनआईटी और अन्य शीर्ष संस्थानों में प्रवेश सुनिश्चित माना जाता है। 20 हजार तक रैंक पर आईआईआईटी, एनआईटी और सरकारी वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों (जीएफटीआई) में लोकप्रिय शाखाओं में प्रवेश मिलता है। जेईई मेन में 50,000 रैंक एनआईटी और आईआईआईटी में प्रवेश की संभावना कम कर सकती है, लेकिन राज्य सरकार और निजी संस्थान इस श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए विकल्प बने रहते हैं।