कोटा। Kota Mela Dussehra 2024: मनोहारी लोक संस्कृति की अनुपम छठा के बीच सोमवार को 131वें राष्ट्रीय दशहरा मेला का रंगारंग समापन हुआ। समापन समारोह की शुरुआत जस्सू खान मांगणियार के लोक गीतों से हुई। उनकी खनकती आवाज ने श्रोताओं के कानों में मिश्री घोल दी। लोक गीतों के बाद मेले में लोक संस्कृति की अनुपम छठा बिखरी।
आखिर में दशहरा मैदान के साथ साथ कोटा का आसमान भी खुशियों के रंग में रंग गया। घंटे भर से भी ज्यादा चली आतिशबाजी से पूरा दशहरा मैदान रंग बिरंगी रोशनी से रोशन हो गया। मेला आयोजन में जुटे अधिकारियों, कर्मचारियों, संवेदकों को पुरस्कृत किया।
समापन अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वीडियो संदेश के जरिए दशहरा मेला के सफल आयोजन के लिए मेला समिति और नगर के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि यह मेला नवाचारों के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने दशहरा मैदान में मौजूद सभी लोगों को संकल्प दिलवाया कि वह दिवाली के अवसर पर घर गली और मोहल्ला ही नहीं अपने आसपास के क्षेत्र को भी स्वच्छ बनाने में जी जान से जुट जाएं। युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि युवा छोटी छोटी टोली बनाकर अपने आसपास स्वच्छता का अलख जगाएं।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भव्य आयोजन के लिए मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी और मेला समिति को बधाई दी। उन्होंने मेले के नवाचारों का जिक्र कर सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं भी दीं। ऊर्जा मंत्री हीरा लाल नागर ने कहा कि मेला स्वच्छ और व्यवस्थित रहा। आगे भी सरकार के स्तर पर पूरा सहयोग करेंगे।
विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि नवाचारों के साथ साथ व्यापारियों और दर्शकों की सुविधाओं का बेहद अच्छे से ध्यान रखा गया। जिसके लिए मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी और उनकी टीम को साधुवाद।
मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने मेले का समापन करते हुए मेले को सफल बनाने वाले सभी लोगों का आभार जताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में 11, 21 और 31 आदि अंकों का विशेष महत्व होता है और यह सौभाग्य ही है कि 131 वें मेले के आयोजन का अवसर मिला।
मेला आयोजन से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हमें मेले को भ्रष्टाचार और मोनोपोली से मुक्त करने के निर्देश दिए थे, जिसका हमने अक्षरशः पालन किया। साथ स्थानीय कलाकारों और जनमानस को जोड़ने के साथ ही संस्कृति एवं सभ्यता के प्रचार प्रसार का भी भरपूर अवसर मिला। मेला नवाचार, सुव्यवस्था और शांतिप्रिय आयोजन के लिए हमेशा याद रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले मेले में 200 दुकानें खाली रह गई थीं, लेकिन इस बार इनके लिए अतिरिक्त इंतजाम करने पड़े। उन्होंने बताया कि मेले ने पिछले सालों से करीब 70-75 लाख रुपए अधिक के साथ साढ़े पांच करोड़ रुपए की आय अर्जित की है । उन्होंने आगामी मेले की रूपरेखा से भी लोगों को अवगत कराया।