नई दिल्ली। Stock Market this week: घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह कंपनियों के तिमाही नतीजों, वैश्विक रुझान और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि सप्ताह के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा कि कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों पर सभी की निगाह रहेगी। इसके अलावा इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव की वजह से भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ने की आशंका है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है तथा बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) अभी तक भारतीय बाजार के प्रदर्शन में प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं। उनका रुख वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और घरेलू राजनीतिक घटनाक्रम पर निर्भर करेगा।’’ एचडीएफसी बैंक का सितंबर तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ छह प्रतिशत की वृद्धि के साथ 17,825.91 करोड़ रुपये रहा है।
बैंक का तिमाही नतीजा शनिवार को आया था। एकल आधार पर निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक का शुद्ध लाभ सितंबर तिमाही में बढ़कर 16,820.97 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 15,976.11 करोड़ रुपये था।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘किसी भी प्रमुख संकेतक के अभाव में बाजार भागीदारों की निगाह कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगी। सबसे पहले वे एचडीएफसी बैंक और कोटक बैंक जैसे बड़े बैंकों के परिणामों पर प्रतिक्रिया देंगे।’’
उन्होंने बताया कि इसके बाद आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी कंपनियां भी अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी। इसके अलावा सप्ताह के दौरान बजाज हाउसिंग फाइनेंस, अदाणी ग्रीन एनर्जी, बजाज फाइनेंस, वन97 कम्युनिकेशंस, जोमैटो, बजाज फिनसर्व और बैंक ऑफ बड़ौदा के भी तिमाही नतीजे आएंगे।
कोटक महिंद्रा बैंक का सितंबर तिमाही का मुनाफा 13 प्रतिशत बढ़ा है। बैंक ने अपने नतीजों की घोषणा शनिवार को की थी। सितंबर तिमाही में बैंक का एकीकृत मुनाफा 5,044 करोड़ रुपये रहा है। एकल आधार पर तिमाही के दौरान बैंक का शुद्ध लाभ पांच प्रतिशत बढ़कर 3,344 करोड़ रुपये रहा है।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक अनिश्चितता, चीनी अर्थव्यवस्था में सुस्ती और घरेलू बाजारों से लगातार एफआईआई की निकासी के कारण निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। पिछले सप्ताह विदेशी कोषों की भारी निकासी से घरेलू बाजार में गिरावट आई।’’ पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 156.61 अंक या 0.19 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 110.2 अंक या 0.44 प्रतिशत की गिरावट आई।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘एफआईआई की बिकवाली और डीआईआई (घरेलू संस्थागत निवेशकों) की खरीद का रुझान निकट भविष्य में बरकरार रहने की संभावना है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली की वजह भारत में ऊंचा मूल्यांकन और चीन के शेयरों का सस्ता मूल्यांकन है।’’