अपूर्व उत्साह, अद्भुत उल्लास के साथ राम के विवाह में कोटावासी बने बाराती

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राम बारात का पग-पग पर भव्य स्वागत, लोक संस्कृति की छटा बिखरी

कोटा। Kota Dussehra 2024: 131वें राष्ट्रीय दशहरा मेले के तहत मंगलवार को आयोजित राम बारात में अपूर्व उत्साह और अद्भुत उल्लास दिखाई दिया। प्रभु श्री राम और माता जानकी के विवाह में जैसे पूरा कोटा बाराती बना। कहीं पुष्पवर्षा तो कहीं आतिशबाजी, एक-दूसरे का मुंह मीठा करवाते लोग, लोक संस्कृति के रंगों में रंगी मनोहारी झांकियों और लोक नृत्य, पूरा नजारा अलौकिक और हतप्रभ कर देने वाला रहा। गीता भवन से श्रीराम रंगमंच तक के करीब पांच किलोमीटर तक के मार्ग पर राम बारात का पग-पग पर स्वागत हुआ।

राम बारात के प्रति आमजन के अपार हर्ष का अंदाजा गीता भवन में उमड़े श्रद्धालुओं को देखकर लगाया जा सकता था। शहर के प्रबुद्धजन से लेकर आमजन तक प्रारंभ से ही राम बारात का भाग बनने के लिए आतुर दिखाई दे रहा था। गीता भवन में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी, नगर निगम कोटा दक्षिण आयुक्त अनुराग भार्गव, मेला अधिकारी जवाहरलाल जैन, अतिरिक्त मेला अधिकारी महेशचंद गोयल, मेला प्रभारी महावीर सिंह सिसोदिया, मेला समिति सदस्यों ने श्रीराम परिवार और मुनियों के प्रतिरूप का पूजन आरती कर शोभायात्रा को रवाना किया।

रामबारात ने जैसे ही वाल्मीकि बस्ती में प्रवेश किया, नजारा पूरी तरह बदल गया। जयश्री राम के गूंजते जयकारों से पूरा माहौल गुंजायमान हो गया। घोड़े पर सवार महिलाओं के नेतृत्व में निकल रही राम बारात में डांडिया और गरबा की प्रस्तुतियां, कालबेलिया नृत्य करती महिलाएं, स्वांग रचाते लोक कलाकार सबका मन मोह रहे थे।

शोभायात्रा मार्ग रोशनी से जगमगा रहा था और जानकी को ब्याहने के लिए निकले प्रभु श्रीराम की एक झलक पाने को आतुर सड़कों के साथ छत की मुडेरों पर भी अपनी जगह छोड़ने को तैयार नहीं था। गजराज के साथ बैण्ड वादक दल मन दर्पण कहलाए… राम जी की निकली सवारी रामजी की लीला है न्यारी.., जग में सुंदर है दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम….सरीखे भजनों से माहौल को भक्तिमय बना रहे थे।

सधे हुए अंदाज में घूमर व चकरी करती नृत्यांगनाएं कला संस्कृति की छाप छोड़ रही थी। शोभायात्रा में घोड़ा बग्घी, हाथी, ऊँटगाड़ी थीं। बग्घी में प्रभु श्री राम, भ्राता लक्ष्मण, मुनि विश्वामित्र समेत अनेक झांकियां मौजूद थीं। होली चेक पंजाबी अखाड़े ष्गतकाष् की प्रस्तुति देते पटेबाज चल रहे थे।

राम बारात गीता भवन से प्रारंभ होकर वाल्मीकि बस्ती, सब्जी मंडी, सुंदर धर्मशाला, श्रीपुरा, लाल बुर्ज, केथूनीपोल थाने के सामने, टिपटा, गढ़ पैलेस, किशोरपुरा दरवाजा होते हुए दशहरा मैदान पहुंची। जहां भगवान राम का विवाह जनक दुलारी सीता के संग हुआ।

मिला दो शोभायात्राओं के स्वागत का सौभाग्य
इस बार शोभायात्रा का मार्ग परिवर्तित किया गया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर इस बार मल्टीपरपज के स्थान पर गीता भवन से शोभायात्रा प्रारंभ हुई। परिवर्तित मार्ग में जगह-जगह लोगों हाथों में फूल लिए राम बारात का इंतजार कर रहे थे। आमजन का कहना था कि इस वर्ष से उन्हें अनन्त चतुर्दशी शोभायात्रा के साथ राम बारात का अभिनंदन करने का मौका मिला है। वर्षों से लोगों की आकांक्षा थी कि राम बारात भी इसी मार्ग से निकले, जो इस बार लोक सभा अध्यक्ष बिरला के कारण जाकर पूरी हुई है।

दिखा सर्वधर्म समभाव, विभिन्न धर्मों ने किया स्वागत
राम बारात के दौरान सर्वधर्म समभाव भी साकारा हुआ। राम बारात का सिख, बोहरा सहित विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा स्वागत किया गया है। गीता भवन में कोटा सिख वेलफेयर सोसायटी के प्रधान मनिन्दर सिंह के नेतृत्व में राम बारात का स्वागत किया गया है। गढ़ पैलेस के पास बोहरा समाज ने भी राम बारात का अभूतपूर्व स्वागत किया।

सिख समाज का गतका दल भी हुआ शामिल
राम बारात में पहली बार सिख समाज का गतका दल भी शामिल हुआ। वीर खालसा गतका ग्रुप के प्रमुख प्रभजोत सिंह ने बताया कि राम बारात का मार्ग परिवर्तित होने की घोषणा के बाद गतके के सभी सदस्यों ने स्वप्रेरणा से राम बारात में जगह देने के लिए मेला अध्यक्ष विवेक राजवंशी से आग्रह किया। राजवंशी ने कहा कि शोभयात्रा में गजराज के बाद सबसे आगे सिख युवाओं का गतका दल ही चलेगा।

राम बारात में विभिन्न स्थानों पर मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी और मेला समिति सदस्यों का भी विभिन्न स्थानों पर अभिनंदन किया गया। आमजन ने राम बारात को जनआकांक्षाओं के अनुरूप परिवर्तित मार्ग से निकालने के लिए उनका अभिनंदन किया। इस ऐतिहासिक निर्णय को साकार करने के लिए आमजन ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला का आभार भी जताया।

कैथूनीपोल चौराहे पर कोटा दक्षिण महापौर राजीव भारती, पूर्व पार्षद नरेंद्र बिरला के नेतृत्व में राम बारात का जोरदार स्वागत किया गया। इसके अलावा रास्ते में भी वाल्मीकि समाज, चौथमाता स्वर्ण रजत समिति व सर्राफा स्वर्णकारी व्यापारी, सुंदर धर्मशाला नवयुवक मंडल, लालबुर्ज नवयुवक मंडल, अग्रवाल समाज सहित विभिन्न समाजों, संगठनों ने भी स्वागत किया।

लहराता रही हनुमान ध्वजा, सूर्य ध्वज लिए चले सैनिक
राम बारात के आगमन की सूचना हनुमान ध्वजा लहरे रहे युवक दे रहे थे। उनके पीछे घुड़सवार तथा पैदल सैनिकों की टुकड़ी राजसी वेशभूषा पहने हाथों में भाले लेकर और सिर पर राजशाही पगड़ी धारण करके चल रही थी। उनके आगे सेवक हाथ में सूर्य ध्वज लिए चल रहे थे। महिला सैनिक घोड़े पर सवार होकर चल रहे थे। राजसी वैभव और सैन्य दलबल का परिचय कराता पुलिस बैंड भी था। मशक बैंड भी मधुर स्वर लहरियां बिखेरते हुए चल रहा था।

बिखरे लोक कला और संस्कृति के रंग
राम बारात में महिला- पुरुषों का दल समूह घूमर नृत्य, कच्छी घोड़ी नृत्य, झालावाड़ के प्रसिद्ध बिन्दौरी नृत्य, कजरी नृत्य और चकरी नृत्य करते हुए राजस्थानी संस्कृति की छटा बिखेरता चल रहा था। पंजाबी भांगड़ा और सहरिया नृत्य भी किया जा रहा था। इसके अलावा डांडिया मंडलियां, नगाड़े, ढोल ताशे, शहनाई की भी गूंज सुनाई दे रही थी।

अंतरराष्ट्रीय श्याम ब्रास बैंड बना आकर्षण का केन्द्र
राम बारात की शोभायात्रा में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर के बैंड को प्रस्तुतियां देने के लिए बुलाया गया था। मधुर स्वर लहरियों की प्रस्तुति देता जबलपुर का श्याम ब्रास बैंड राम बारात में आकर्षण का केन्द्र था। उल्लेखनीय है कि श्याम बैंड टीवी शो ‘‘इंडियाज गोट टैलेंट‘‘ में भी प्रस्तुतियां दे चुका है। वहीं इस बैंड को कई हिन्दी फिल्मों में भी दिखाया गया है। यह बैंड परंपरागत पीतल के उपकरणों से प्रस्तुतियां देने के लिए जाना जाता है।

सजग रहा प्रशासन, चप्पे चप्पे पर रही नजर
शोभायात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की थीं। मार्ग को बाधाहीन कर दिया गया था। चप्पे चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। वहीं बड़ी संख्या में जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। मार्ग में रोशनी और कैमरे की व्यवस्था सुनिश्चित की गई।