नई दिल्ली। Kautilya Economic Conference Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए उनकी सरकार संरचनात्मक सुधार जारी रखने को समर्पित है। मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। चाहे विज्ञान, प्रौद्योगिकी या नवाचार हो, भारत स्पष्ट रूप से अच्छी स्थिति में है।
तीसरे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था महत्त्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रही है। मजबूत आर्थिक बुनियाद के साथ भारत टिकाऊ उच्च वृद्धि की राह पर है। आज भारत न केवल शीर्ष पर पहुंचने का प्रयास कर रहा है बल्कि वहां बने रहने के लिए ठोस प्रयास भी कर रहा है। दुनिया आज हर क्षेत्र में व्यापक अवसर उपलब्ध करा रही है।’
मोदी ने कहा कि सरकार संरचनात्मक सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। तीसरे कार्यकाल में नौकरियों का सृजन, कौशल विकास, टिकाऊ वृद्धि और लगातार तेज गति से विस्तार पर विशेष जोर है। जिसे उनके तीसरे कार्यकाल के पहले तीन महीनों में किए गए कार्यों में देखा जा सकता है।
रूस-यूक्रेन तथा इजरायल-ईरान संघर्ष की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा जब दुनिया के दो प्रमुख क्षेत्रों में युद्ध जैसे हालात हैं। उन्होंने कहा, ‘ये क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिहाज से महत्त्वपूर्ण हैं, खास तौर पर ऊर्जा सुरक्षा के मामले में। वैश्विक अनिश्चितता के बीच हम यहां ‘भारतीय युग’ के बारे में चर्चा कर रहे हैं। जो दर्शाता है कि दुनिया भारत पर किस तरह भरोसा करती है।’
मोदी ने कहा कि भारत की वृद्धि दर के अनुमान पर विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रो कोष और मूडीज जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का भरोसा दिखाता है कि भारत विकास की राह पर अग्रसर है।
उन्होंने कहा, ‘पिछले साल अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अनुमान से बेहतर रहा था। सभी संस्थान कह रहे हैं कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद भारत 7 फीसदी से ज्यादा वृद्धि हासिल करेगा। हम भारतीयों को भरोसा है कि हम इससे भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।’
मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत को निवेश के पसंदीदा स्थल के रूप में देख रही है, फिर चाहे विनिर्माण की बात हो या सेवा क्षेत्र की। यह पिछले 10 वर्षों के अहम सुधारों का परिणाम है।
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि 33 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन भारत में बनाए गए हैं। जल्द ही 5 सेमीकंडक्टर कारखाने दुनिया के कोने-कोने में मेड इन इंडिया चिप पहुंचाने लगेंगे।