कोटा। हाड़ोती किसान यूनियन ने सरकार से धान की फसल की सिंचाई करने के लिए दायीं एवं बायीं मुख्य नहरों में पानी छोड़ने एवं प्राथमिकता से विद्युत आपूर्ति करने की मांग की है।
यूनियन के प्रतिनिधि एवं राष्ट्रीय युवा संगठन के पूर्व प्रदेश संयोजक जगदीश कुमार ने चंबल सिंचित क्षेत्र केशवराय पाटन, तालेड़ा, कापरेन, नमाना, बरुन्धन, धनार्थी, रामगंज बालाजी, माटून्दा, खटकड़, अजेता, सुल्तानपुर, दीगोद, गढ़ेपान, अन्ता आदि विभिन्न धान उत्पादन क्षेत्र में किसानों से संपर्क करने के बाद बताया कि गत 12 सितंबर के बाद से क्षेत्र में बरसात नहीं होने एवं तापमान में गर्मी होने के कारण किसानों की करोड़ों रुपए की धान की फसल नष्ट होने के कगार पर है।
उन्होंने धान की फसल को बचाने के लिए प्राथमिकता से दायीं एवं बायीं मुख्य नहरों से संबंधित वितरिकाओं एवं माइनरों में पानी छोड़ने की मांग की है। साथ ही विद्युत आपूर्ति को नियमित एवं निरन्तर दस घंटे प्रतिदिवस बनाए रखने की आवश्यकता है।
यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार एवं किसान नेता मनवीर सिंह, रामप्रसाद सेनी, सुरेन्द्र सिंह, सूरजमल नागर एवं पुष्प चंद गुज़र आदि किसान नेताओं ने कोटा संभाग में समय पर बुआई किये जाने के लिए डीएपी खाद बिना अटेचमेंट के उपलब्ध कराये जाने की भी राज्य सरकार से मांग की है।
दशरथ कुमार ने बताया कि कोटा संभाग में डीएपी एवं यूरिया के संयंत्र चंबल फर्टिलाइजर एवं श्री राम फर्टिलाइजर के प्रबन्धक को अवगत करवाया है कि कोटा संभाग में स्थित उर्वरक संयंत्र होने का लाभ क्षेत्रीय किसानों को मिले।
उन्होंने चेतावनी दी कि 15 अक्टूबर तक कोटा संभाग के किसानों को डीएपी खाद की उपलब्धता नहीं करवायी गई तो हाड़ोती किसान यूनियन क्षेत्र में कार्यरत सभी किसान संगठनों से समन्वय स्थापित करके व्यापक आंदोलन प्रारंभ कर देंगे।