नई दिल्ली। केंद्र सरकार की स्कीमों और फाइनेंशियल सेवाओं के लिए आधार जरूरी होगा या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। केंद्र सरकार ने सरकारी स्कीम्स और सेवाओं के लिए अनिवार्य तौर पर आधार डिटेल देने की समय सीमा पहले ही 31 मार्च, 2018 कर दी है।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि आधार स्कीम को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतिम सुनवाई अगले साल 17 जनवरी से शुरू होगी। सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि आधार को बैंक अकाउंट खोलने के लिए जरूरी रहने देना चाहिए।
मोबाइल सिम से आधार लिंक करने के मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि मोबाइल सिम से आधार लिंक करने की समय सीमा 6 फरवरी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तय की गई थी। संविधान पीठ इस समय सीमा को बढ़ाने पर विचार कर सकता है।
बैंक खातों और मोबाइल नंबर से आधार नंबर को जोड़ने के अनिवार्य नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसमें कहा गया है कि यह नियम संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों को खतरे में डालता है।