तय समय से पहले ही हो जाएगा आइडिया-वोडाफोन मर्जर

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कोलकाता। आइडिया-वोडाफोन का मर्जर अब और पहले हो जाएगा। वोडाफोन ग्रुप के सीईओ वितारियो कोलाओ ने हाल ही में इस ओर इशारा किया। इसके मुताबिक, अब मर्जर के लिए पहले से तय सितंबर 2018 की समय-सीमा घटकर मार्च-अप्रैल 2018 हो सकती है।

बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपने एक नोट में आइडिया सेल्युलर लीडरशिप के साथ मीटिंग का हवाला देते हुए कहा, ‘मैनेजमेंट को उम्मीद है कि मार्च-अप्रैल 2018 तक मर्जर के लिए जरूरी सभी अप्रूवल्स मिल जाएंगे।’ इकनॉमिक टाइम्स को इस नोट की एक कॉपी हाथ लगी है।

देश की दूसरी और तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी क्रमशः वोडाफोन इंडिया और आइडिया के विलय के बाद यह देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी हो जाएगी जिसके पास 40 करोड़ कस्टमर होंगे और रेवेन्यू मार्केट शेयर 41 पर्सेंट होगा।।

विलय के लिए कोर्ट और टेलिकॉम डिपार्टमेंट के अप्रूवल्स अब तक नहीं मिले हैं जबकि एंटि-ट्रस्ट बॉडी कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया ने हरी झंडी दे दी है।

वोडाफोन-आइडिया के विलय से बनी नई कंपनी की लागत में पहले-पहल 2,700 करोड़ रुपये की बचत होगी। हालांकि नई कंपनी को विलय के लिए एग्जिट पेनल्टी भी देनी होगी।

वोडाफोन और आइडिया के साथ आने के बाद बनने वाली कंपनी अपने साइज के दम से रिलायंस जियो इन्फोकॉम का मजबूती से मुकाबला कर पाएगी, जिसने देश के टेलिकॉम मार्केट में हलचल मचा रखी है।

जियो इन्फोकॉम ने पिछले साल सितंबर से इस साल मार्च तक अपने ग्राहकों को मुफ्त में वॉयस और डेटा ऑफर किया था। इससे दूसरी टेलिकॉम कंपनियों पर बहुत दबाव बना और माना जा रहा है कि इसी वजह से वोडाफोन और आइडिया ने मर्जर का फैसला किया है।