नई दिल्ली। Edible oil import: चालू तेल वर्ष में कुल खाद्य तेल आयात सुस्त रहने के बीच बीते दो महीने से इनके आयात में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। मार्च के बाद अब अप्रैल महीने में भी खाद्य तेल आयात सालाना और मासिक दोनों आधार पर बढ़ा है।
इसकी वजह खाद्य तेलों के दाम में कमी आना है। चालू तेल वर्ष 2023-24 की नवंबर-अप्रैल अवधि में पाम तेल की हिस्सेदारी में कमी आई है, जबकि सॉफ्ट ऑयल सूरजमुखी व सोयाबीन तेल की हिस्सेदारी में इजाफा हुआ है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अप्रैल महीने में 13.04 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ, पिछले साल के समान महीने में यह आंकड़ा 10.21 लाख टन था। इस तरह इस साल अप्रैल में सालाना आधार पर खाद्य तेलों के आयात में करीब 27 फीसदी वृद्धि हुई।
अखाद्य तेलों को मिलाकर अप्रैल महीने में कुल तेलों का आयात 26 फीसदी बढ़कर 13.18 लाख टन दर्ज किया गया। अप्रैल महीने में मार्च की तुलना में भी खाद्य तेलों के आयात में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
SEA के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में आरबीडी पामोलीन और सीपीओ के दाम में करीब 100 डॉलर प्रति टन की कमी आई है, जबकि कच्चे सोया तेल के दाम 40 डॉलर और कच्चे सूरजमुखी तेल के दाम 15 डॉलर प्रति टन घटे हैं। इन तेलों के दाम घटने के कारण इनका आयात बढ़ा है।
अप्रैल महीने में भले ही खाद्य तेलों के आयात में इजाफा हुआ हो। लेकिन चालू तेल वर्ष में अप्रैल तक कुल खाद्य तेल आयात में कमी आई है। SEA के मुताबिक चालू तेल वर्ष की नवंबर-अप्रैल अवधि में 70.69 टन खाद्य तेल आयात हुए, जो पिछली समान अवधि में आयात हुए 80.02 लाख टन से करीब 12 फीसदी कम हैं। अखाद्य तेलों को मिलाकर कुल तेल आयात 12 फीसदी गिरकर 71.48 लाख टन रह गया।
चालू तेल वर्ष की नवंबर-अप्रैल अवधि यानी पहले 6 महीने में पाम तेल का आयात 14 फीसदी घटकर 42.13 लाख टन रह गया। कुल खाद्य तेल आयात में इसकी हिस्सेदारी पिछले साल की समान अवधि की 61 फीसदी की तुलना में घटकर 60 फीसदी रह गई।
इस दौरान कच्चे सूरजमुखी और सोया तेल जैसे सॉफ्ट ऑयल की हिस्सेदारी 39 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी हो गई। चालू तेल वर्ष के पहले 6 महीने में कच्चे सोया तेल का आयात 26 फीसदी घटकर 12.68 लाख टन रह गया, जबकि कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात 16 फीसदी बढ़कर 15.87 लाख टन हो गया।