नई दिल्ली। Electoral Bonds: भारतीय स्टेट बैंक ने चेयरमैन दिनेश कुमार खारा के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को हलफनामा दायर कर कहा कि उसने चुनावी बॉन्ड की सभी जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंप दी है। आयोग को दिए गए विवरण में यूनिक नंबर के साथ बॉन्ड के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल है।
यूनिक नंबर से चुनावी बॉन्ड के खरीदार और इसे पाने वाले राजनीतिक दलों का मिलान किया जाएगा। बैंक ने कहा कि अब वह चुनावी बॉन्ड के खरीदार और इसकी कीमत, विशेष नंबर, इसे भुनाने वाले राजनीतिक दल का नाम और उनके बैंक खाते के अंतिम चार अंक जैसी तमाम तरह की सूचनाएं साझा कर रहा है।
हलफनामे में बैंक ने यह भी कहा कि सुरक्षा कारणों से बैंक खाते का पूरा नंबर, राजनीतिक दलों एवं चुनावी बॉन्ड खरीदार के केवाईसी विवरण को उजागर नहीं किया जा रहा है। हालांकि चुनावी बॉन्ड पाने वाले राजनीतिक दलों की पहचान के लिए यह आवश्यक है। हलफनामे के मुताबिक, ‘स्टेट बैंक ने बैंक खाते और केवाईसी विवरण को छोड़कर अब सभी तरह की जानकारी सार्वजनिक कर दी है। अब उसके पास कुछ भी छुपा हुआ नहीं बचा है।’
भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनावी बॉन्ड से संबंधित निर्वाचन आयोग को जो जानकारी सौंपी गई है, उसमें बॉन्ड खरीदार का नाम समेत पूरा विवरण, बॉन्ड का सीरियल नंबर, यूआरएन नंबर, जर्नल तारीख, खरीदने की तिथि, इसे भुनाने की समयावधि यानी एक्सपायरी डेट, बॉन्ड नंबर, बॉन्ड का मूल्य, जारी करने वाली बैंक शाखा का कोड, जारी करने वाले टेलर और मौजूदा िस्थति जैसी भी तरह की सूचनाएं शामिल हैं।
किस दल ने बॉन्ड भुनाया उसका नाम, बॉन्ड का मूल्य, सीरियल नंबर, भुनाने की तारीख, दल के बैंक खाते के अंतिम के चार अंक, बॉन्ड नंबर, भुनाने वाली बैंक शाखा का कोड और पे-टेलर आदि सभी तरह की जानकारी शामिल है।
सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड के बारे में जानकारी उजागर करने में चुनिंदा तरीके से काम नहीं करने को कहा था। स्टेट बैंक के चेयरमैन खारा से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह गुरुवार शाम 5 बजे तक एक हलफनामा दायर कर यह बताए कि उसने चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी तरह की जानकारी सार्वजनिक कर दी है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि बीते 15 फरवरी का उसका फैसला बाध्यकारी है कि चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारी एसबीआई निर्वाचन आयोग को सौंपेगा। अदालत ने निर्वाचन आयोग को भी यह तमाम जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा था।
बीते 15 फरवरी को ही उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिया था। इसके बाद एसबीआई निर्वाचन आयोग से जानकारी साझा करने का समय 30 जून 2024 तक बढ़ाने का अनुरोध करने के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंच गया था, परंतु कोर्ट ने उसकी यह याचिका खारिज कर दी और उसे 12 मार्च तक सभी जानकारी निर्वाचन आयोग को देने और आयोग से इसे 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया था।