असफलता से हार नहीं मानें, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती…
कोटा। शहर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने कहा कि एक बार हम संकल्प करके अपने लक्ष्य की दिशा में बढ़ जाते हैं और असफलता से हार नहीं मानते हैं तो सफलता जरूर मिलती है।
डॉ. अमृता मोशन एजुकेशन के दक्ष कैम्पस में कोचिंग के विद्यार्थियों को संबोधित कर रहीं थीं। इससे पहले मोशन एजुकेशन के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय, डायरेक्टर डॉ. स्वाति विजय और ज्वाइंट डायरेक्टर अमित वर्मा ने बच्चों के साथ उनका स्वागत किया। इस अवसर पर दादाबाड़ी थाना प्रभारी नरेश मीणा भी भौजूद थे।
डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि उनका जन्म हरियाणा के परम्परागत जाट परिवार में हुआ था। बारहवीं कक्षा में उन्होंने मैथ्स और बायोलॉजी लेकर नीट और जेईई दोनों एग्जाम दिए थे। पहले साल उनका सलेक्शन नहीं हुआ। दूसरे साल उन्होंने कोचिंग ज्वाइन की और अपने पूरे प्रयास लगाकर अनुभवी शिक्षकों की देखरेख में तैयारी की तो दोनों में ही सफलता मिल गई। मेडिकल की पढ़ाई के बाद कुछ समय पढ़ाया और यूपीएससी एग्जाम दिया। इस बार पहले ही प्रयास में उनका भारतीय पुलिस सेवा में चयन हो गया।
विद्यार्थियों को सफलता के टिप्स दिए बताते हुए उन्होंने कहा कि असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी है। पहली सीढी में ही हम हार मान जाएंगे तो मंजिल तक कैसे पहुंच पाएंगे। किसी भी असफलता से हार नहीं माननी चाहिए। जैसा हमारे शिक्षक कहते हैं, वैसे पढ़ो। लिखकर नोट्स बनाएं और सिलेबस के इम्पोर्टेन्ट पार्ट पर फोकस करें।
तनाव को हावी नहीं होने दें
उन्होंने कहा कि परीक्षा का सीजन चल रहा है। स्टूडेंट तैयारियों में जुटे हुए हैं, परीक्षा में अक्सर देखा जाता है कि बच्चे काफी तनाव में रहते हैं। सकारात्मक नजरिए से परीक्षाओं में बेहतर अंक आ सकते हैं। उन्होंने तनाव दूर करने के लिए छात्र-छात्राओं से टिप्स साझा किए। एसपी ने कहा कि परीक्षा ही जीवन नहीं है। सफलता-असफलता तो मिलती रहती है।
टाइम मैनेजमेंट जरूरी
विषय की सरलता या कठिनाई और यूनिट की संख्या के अनुसार तय करें कि किस विषय को कितना समय देना है। रीविजन को कितना समय देना है एवं परीक्षा में उत्तर लिखते समय भी समय प्रबंधन आवश्यक है ताकि सभी प्रश्न समय पर पूर्ण हो जाये। लिखकर या बोलकर पढऩे से हमारा मष्तिष्क पूरी तरह बिजी रहता है, हमारा ध्यान अन्यत्र नहीं भटकता है एवं हमे अच्छे से याद होता है। जब आप चुपचाप बैठकर पढ़ते हैं तो आपके दिमाग में कुछ न कुछ अनावश्यक विचार आ ही जाते हैं, इसलिए हमेशा लिखकर व बोलकर ही पढ़ें। हर परीक्षा और कामकाज में टाइम मैनेजमेंट सफलता का सबसे बड़ा फण्डा है। अपने अनुभवों को साझा करते हुए बोर्ड परीक्षा से लेकर यूपीएससी तक के सफर में टाइम मैनेजमेंट का सबसे ज्यादा योगदान बताया। टाइम मैनेजमेंट हर परीक्षा में सफलता दिला सकते हैं।
कोई भी परेशानी हो, पुलिस को बताएं
एसपी ने बच्चों से कहा कि किसी भी तरह की परेशानी हो तो वह बताएं, पुलिस उनके साथ हैं। उनके पास किसी भी तरह की सूचना हो तो वह बता सकते हैं। इसके लिए कोचिंग इलाकों में शिकायत पेटियां लगाई जा रही है। उन्होंने बच्चों से कहा कि इन शिकायत पेटियों के माध्यम से वह अपनी पहचान बताए बिना पुलिस को शिकायत कर सकते हैं। उन्हें कोई धमका रहा है, सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ गलत पोस्ट वा वीडियो अपलोड कर रहा है, मादक पदार्थों की सप्लाई कर रहा इत्यादि ऐसी सूचनाओं को वह बेझिझक पुलिस को बता सकते हैं। एसपी ने बच्चों से एक-दूसरे की मदद करने की बात कही। कहा कि किसी भी बच्चे को तनाव में देखें तो हॉस्टल संचालक व वार्डन को जरूर बताएं। बच्चों को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। इससे पॉजिटिव माहौल बनता है। एसपी जब बच्चों से मिली तो वह काफी उत्साहित नजर आए।