नई दिल्ली। Bitcoin Investment: दुनिया की सबसे पुरानी, सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत में एक बार फिर तेजी आ रही है। सोमवार को एशियाई मार्केट में शुरुआती कारोबार में यह 63,523 डॉलर पर पहुंच गई।
इसका ऑल-टाइम हाई 68,000 डॉलर है जिसे उसने नवंबर 2021 में छुआ था। लेकिन 2022 में इसमें काफी गिरावट आई थी। लेकिन यह नवंबर 2022 के स्तर से 300 फीसदी उछल चुकी है। इसके साथ ही इसका मार्केट कैप 1.3 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया है जो फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म के बराबर है। यह दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क की कंपनी टेस्ला के मार्केट कैप से दोगुना और वॉलमार्ट से तीन गुना है। अगर बिटकॉइन कोई कंपनी होती तो यह दुनिया की आठवीं बड़ी पब्लिक कंपनी होती।
बिटकॉइन का मार्केट कैप कई देशों की जीडीपी से अधिक है। दुनिया में केवल 16 देशों की जीडीपी बिटकॉइन के मार्केट कैप से अधिक है। यह पाकिस्तान की जीडीपी से करीब चार गुना ज्यादा है। पाकिस्तान की जीडीपी का साइज 377 अरब डॉलर है।
अगर क्रिप्टोकरेंसीज के टोटल मार्केट कैप की बात करें तो यह 2.5 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया है। यह एनवीडिया के मार्केट कैप से 500 अरब डॉलर ज्यादा है। यह ऐपल और माइक्रोसॉफ्ट को छोड़कर दुनिया की बाकी सभी कंपनियों से ज्यादा है। पिछले छह महीने में क्रिप्टोकरेंसीज का मार्केट कैप डबल हो चुका है। अगर 2022 के लो की बात करें तो उसकी तुलना में क्रिप्टोकरेंसीज का मार्केट कैप तीन गुना हो चुका है।
क्यों चढ़ रही है कीमत
बिटकॉइन में तेजी के कई कारण हैं। अमेरिका में हाल में कई बिटकॉइन ईटीएफ को मंजूरी मिली है। इसके बाद से इसके वॉल्यूम में गजब की तेजी आई है। आने वाले दिनों में बिटकॉइन को दो हिस्सों में बांटने की भी तैयारी है। साथ ही कई जियोपॉलिटिकल कारणों से इन्वेस्टर्स अपने पोर्टफोलियो को डाइवरसिफाई करना चाहते हैं। यही वजह है कि वे बिटकॉइन का रुख कर रहे हैं जिसे डिजिटल इन्वेस्टमेंट का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। बिटकॉइन के वर्चुअल क्रिएटर सतोशी नाकामोतो ने 28 अक्टूबर, 2008 को इसका व्हाइटपेपर जारी किया था लेकिन इसकी मिंट डेट तीन जनवरी, 2009 थी। साल 2009 में जब बिटकॉइन लॉन्च हुई थी तब इसकी कीमत मात्र 0.060 रुपये थी लेकिन नवंबर 2021 में यह 68,000 डॉलर के ऊपर पहुंच गई थी।