जीरा की कीमतों में सुधार, सौंफ में तेजी की संभावना नहीं

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नई दिल्ली। जीरा की कीमतों में शुक्रवार को सुधार रहा। लेकिन व्यापारियों का कहना है कि यह सुधार अल्पकाल के लिए है। जल्द ही बाजार में गिरावट आएगी। क्योंकि आगामी दिनों में मंडियों में आवक का दबाव बनना शुरू हो जाएगा।

और पैदावार भी गत वर्ष की तुलना में अधिक है। ऊंझा मंडी में आज नए जीरे की आवक 10/11 हजार बोरी की रही जबकि गोंडल में 5000/6000 बोरी की रही। जाम जोधपुर में आवक 1700/1800 बोरी की रही।

वायदा के मजबूत समाचारों से हाजिर भाव 400/500 रुपए प्रति क्विंटल तेजी के साथ बोले गए लेकिन व्यापार कम रहा। वायदा में मार्च का जीरा 125 रुपए एवं अप्रैल का 200 रुपए तेजी के साथ बंद हुआ है।

उत्पादक केन्द्रों पर अधिक बिजाई एवं बिजाई के पश्चात मौसम फसल के अनुकूल बना रहने से इस वर्ष देश में जीरा उत्पादन 90/95 लाख बोरी होने के अनुमान लगाये जा रहे हैं।

सौंफ का उत्पादन: दूसरे वर्ष भी देश में सौंफ का उत्पादन बढ़ने के अनुमान है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में देश में सौंफ का उत्पादन 13/14 लाख बोरी का हुआ था जोकि वर्ष 2023 में बढ़कर 20/21 लाख बोरी का हो गया।

गत वर्ष किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने के कारण चालू सीजन के लिए भी उत्पादक राज्यों में बिजाई के क्षेत्रफल में वृद्धि दर्ज की गई है। जिस कारण से वर्ष 2024 में उत्पादन गत वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना होकर 40/42 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी- 55 किलो) होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।

पैदावार अधिक होने के कारण विगत कुछ समय से सौदे की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। अभी हाल-फिलहाल तेजी की संभावना भी नहीं है। क्योंकि मार्च माह में राजस्थान की मंडियों में भी नई सौंफ की आवक बढ़नी शुरू हो जाएगी।