सूचनापट्ट में लिखा हुआ है कि अलाउद्दीन खिलजी ने रानी पद्मिनी की एक झलक देखी थी, करणी सेना की धमकी के बाद ASI ने ढका सूचनापट्ट
जयपुर। फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद जारी है और अब इसकी आग चितौड़गढ़ के किले तक पहुंच गई है, जहां रानी पद्मावती ने कथित तौर पर जौहर किया था।
राजपूत करणी सेना के सदस्यों की धमकी से डरकर पद्मिनी महल के बाहर लगे सूचनापट्ट को ढक दिया गया है, जिसमें अलाउद्दीन खिलजी के द्वारा महारानी को देखने का जिक्र है।
भारतीय पुरातत्व सर्वे (एएसआई) के द्वारा स्थापित सूचनापट्ट में यह लिखा हुआ है कि पद्मिनी महल ही वह जगह है, जहां पर अलाउद्दीन खिलजी ने रानी पद्मिनी की एक झलक देखी थी।
करणी सेना के सदस्यों ने इस सूचनापट्ट पर आपत्ति जताते हुए इसको हटाने की मांग की थी। करणी सेना की धमकी के मद्देनजर विभाग ने अब इस सूचना पट्ट को कपड़े से ढंक दिया है।
एएसआई के एक अधिकारी ने बताया, ‘जोधपुर के क्षेत्रीय ऑफिस के उच्च प्राधिकरण से अनुमति मिलने के बाद सूचना पट्ट को ढक दिया गया है। पूरे महल में यही एक जगह है, जहां पर लिखा है कि खिलजी ने पद्मिनी को देखा था।’
राजपूत समुदाय इस वाकिये को इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करार देते हुए इसे सभी अकादमिक किताबों तथा साइनबोर्ड्स के हटाने की मांग कर रहा है।
इस वर्ष फरवरी में राजपूत सेना ने एएसआई को पत्र लिखकर महल से शीशे को हटाने तथा गाइड्स को शीशे की घटना का जिक्र नहीं करने की धमकी दी थी। एएसआई ने इस धमकी पर प्रतिक्रिया नहीं दी थी, जिसके परिणामस्वरुप 6 मार्च को महल के शीशे को तोड़ दिया गया था।