नई दिल्ली। Monetary Policy : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की मौद्रिक नीति का ऐलान गवर्नर शक्तिकांत दास आज कर रहे हैं। रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में आपने घर, गाड़ी या कोई और लोन लिया है तो ईएमआई यानी मासिक किस्त के कम होने का अभी और इंतजार करना पड़ेगा। रिजर्व बैंक इस बार भी रेपो रेट को मौजूदा 6.5 फीसद के स्तर पर बरकरार रखा है। यह लगातार छठी बार है, जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
दास ने कहा कि निजी निवेश में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। 2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी 7 पर्सेंट की दर से बढ़ने का अनुमान है, जून और सितंबर तिमाही में वृद्धि क्रमशः 7.2 पर्सेंट और 6.8 पर्सेंट होगी। दिसंबर और मार्च तिमाही में विकास दर क्रमश: 7 फीसदी और 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है। दास ने कहा कि घरेलू आर्थिक गतिविधि मजबूत बनी हुई है और एनएसओ के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में वृद्धि 7.3 पर्सेंट है। दास ने कहा, “2023-24 की गति 2024-25 वित्तीय वर्ष में भी जारी रहने की उम्मीद है।”
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब अमेरिकी डॉलर पर है। गवर्नर दास का कहना है कि यह सभी विदेशी दायित्वों को पूरा करने के लिए कंफर्टेबल है। घरेलू वित्तीय प्रणाली हेल्दी बैलेंस शीट के साथ लचीली बनी हुई है।
आरबीआई ने इस बात पर जोर दिया है कि उसका ध्यान टिकाऊ आधार पर 4 पर्सेंट के मुद्रास्फीति लक्ष्य को एलाइन करने पर केंद्रित है। आरबीआई गवर्नर ने चेताया कि अवस्फीति के अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पार करने के लिए मौद्रिक नीति को सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 पर्सेंट, 2024-25 के लिए 4.5 पर्सेंट रहने का अनुमान लगाया है। जियो-पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है और कमोडिटी कीमतों विशेषकर कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7 पर्सेंट रहने की उम्मीद जताई है। शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई में नरमी देखने को मिल रही है। महंगाई 4 पर्सेंट पर रहने का अनुमान है। दिसंबर में उपभोक्ता मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) 5.69 फीसदी रही। सरकार ने आरबीआई को सीपीआई मुद्रास्फीति को दोनों तरफ 2 पर्सेंट के मार्जिन के साथ 4 पर्सेंट पर सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। एमपीसी के 6 में से 5 सदस्यों ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने के पक्ष में रहे। एमएसएफ और बैंक रेट भी 6.75 पर बरकरार रखा गया है।
मुद्रास्फीति: महंगाई को लेकर काबी ने कहा कि दिसंबर में मुख्य मुद्रास्फीति 5.7% के उच्च स्तर पर थी, जो उच्च खाद्य कीमतों (विशेष रूप से, दालें, फलियां और मसाले) के कारण थी। हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति अभी यह 4% से नीचे स्थिर है। नुवामा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सर्दियों के दौरान कम फसल की बुआई चिंता का कारण रही है। हालांकि, कोर सीपीआई कम हो रही है । उच्च खाद्य मुद्रास्फीति के दूसरे दौर के प्रभाव कम हो गए हैं। यह नीति निर्माताओं के लिए काफी आरामदायक होना चाहिए ।
लिक्विडिटी मैनेजमेंट: आरबीआई द्वारा लिक्विडिटी मैनेजमेंट पर अपना जोर बनाए रखने की उम्मीद है, क्योंकि मुद्रा बाजार की कठिन परिस्थितियां जहां कॉल मनी दर रेपो रेट से अधिक है।