Coriander: मंडियों में नए धनिए की आवक शुरू, उत्पादन कम होने से तेजी की धारणा

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नई दिल्ली। Coriander Production: गत सीजन में उत्पादकों को धनिया का उचित मूल्य न मिल पाने के कारण प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में धनिया की बिजाई गत वर्ष की तुलना में कम रही है। जिस कारण इस वर्ष धनिया उत्पादन भी गत वर्ष की तुलना में कम माना जा रहा है। वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर नए धनिया की आवक शुरू हो चुकी है लेकिन नए मालों में अभी 20 से 30 प्रतिशत की नमी आ रही है।

प्रमुख उपादक राज्य गुजरात की गोंडल मंडी में नए धनिया की आवक 1200 बोरी, राजकोट 250 से 300 बोरी की आवक हो रही है। और क्वालिटीनुसार भाव 6200 से 7500 रुपए बोले जा रहे हैं। मध्य प्रदेश की कुम्भराज मंडी में नए मालों की आवक 250 से 300 बोरी की हो गई है और भाव क्वालिटीनुसार 5500/8000 रुपए चल रहे हैं। मंदसौर मंडी में 150 से 200 बोरी नए धनिया की आवक हो रही भाव 5000 से 6400 रुपए बोले जा रहे हैं।

राजस्थान की रामगंज मंडी में भी नए धनिया की आवक 50 से 100 बोरी की हुई है भाव 6000 से 7000 रुपए बोले जा रहे है। वर्तमान में हो रही आवक में 20 से 30 प्रतिशत की नमी है। सूखे मालों की आवक फरवरी के अंत तक होने के समाचार है।

उत्पादन : उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई कम रहने के कारण इस वर्ष धनिया का उत्पादन एक करोड़ एक आसपास माना जा रहा है जबकि गत वर्ष उत्पादन डेढ़ करोड़ बोरी से अधिक का रहा था। जानकार सूत्रों का कहना है कि चालू सीजन के दौरान गुजरात में धनिया का उत्पादन 40 से 42 लाख बोरी का रहेगा। जबकि गत वर्ष उत्पादन 75 से 78 लाख बोरी के आसपास रहा था। मध्य प्रदेश में धनिया उत्पादन 35 से 40 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। गत वर्ष मध्य प्रदेश में धनिया का उत्पादन 68 से 70 लाख बोरी का रहा था। व्यापारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश में पूर्व में की गई बिजाई में उतारा कम आ रहा है। कुम्भराज, मंदसौर के व्यापारियों का कहना है कि आमतौर पर एक बीघा में धनिया का उतारा 4 से 5 क्विंटल होता है लेकिन इस वर्ष ढाई से तीन क्विंटल का उतारा बैठ रहा है।

राजस्थान के रामगंज मंडी लाइन पर फसल ठीक मानी जा रही है। लेकिन कोटा, बारां लाइन पर उत्पादन घटने के समाचार हैं । व्यापारियों का कहना है कि गत वर्ष राजस्थान में धनिया का उत्पादन 20 से 21 लाख बोरी का रहा था जोकि इस वर्ष 16 से 18 लाख बोरी होने के अनुमान लगाये जा रहे हैं।

50 लाख बोरी केरी फॉरवर्ड: गत वर्ष देश में धनिया का रिकॉर्ड उत्पादन होने के कारण इस वर्ष उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर धनिया का स्टॉक अधिक होने के समाचार हैं। आमतौर पर प्रत्येक वर्ष उत्पादक केन्द्रों पर धनिया का स्टॉक 25 से 30 लाख बोरी का रहता था, जोकि इस वर्ष 40 से 50 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।

मंदा-तेजी: चालू सीजन के दौरान उत्पादन कम रहने के कारण व्यापारिक मनोवृत्ति बाजार में तेजी की बन गई है। जिस कारण से वर्तमान कीमतों में अधिक मंदे की संभावना नहीं है। आगामी दिनों में सूखे मालों की आवक शुरू होने के पश्चात स्टॉकिस्टों की लिवाली बाजार में बढ़ेगी। इसके अलावा भाव कम होने के कारण निर्यात मांग भी बराबर बनी रहेगी। जिसका असर कीमतों पर तेजी का रहेगा। वर्तमान में उत्पादन केन्द्रों की मंडियों पर पुराने बादामी का भाव 6000 से 6500 रुपए एवं ईगल का भाव 6800 से 7200 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा। बाजार सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2024 में धनिया के भाव मजबूत रहेंगे।

निर्यात: गत सीजन में भाव नीचे होने के कारण धनिया के निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल-नवम्बर 2023 के दौरान धनिया का निर्यात 73180 टन का किया गया है जबकि अप्रैल-नवम्बर 2022 में निर्यात 21300 टन का हुआ था। वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) के दौरान धनिया का कुल निर्यात 54481.49 टन का हुआ था। जबकि वर्ष 2021-22 के दौरान निर्यात 48656 टन का किया गया था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017-18 में धनिया निर्यात 35185 टन, वर्ष 2018-19 में 48900 टन एवं 2019-20 में 47135 टन का निर्यात हुआ था। 2020-21 में निर्यात 51359 टन का रहा था।