जयपुर। एक तरफ 2023-24 के रबी सीजन में सबसे प्रमुख तिलहन-सरसों की बिजाई समाप्त हो गई है तो दूसरी ओर 2022-23 सीजन में उत्पादित सरसों की क्रशिंग-प्रोसेसिंग जारी है। सरसों का वर्तमान मार्केटिंग सीजन फरवरी में समाप्त हो जाएगा और मार्च 2024 से नया मार्केटिंग सीजन (2023-24) आरंभ होगा। इस बार भी सरसों का उत्पादन शानदार होने की उम्मीद है।
जयपुर के चांदपोल की अनाज मंडी में अवस्थित मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल चतर के अनुसार मार्च 2023 से जनवरी 2024 के 11 महीनों के दौरान देश में करीब 95 लाख टन सरसों की क्रशिंग हुई।
इसके तहत मार्च में 11 लाख टन, अप्रैल के 9 लाख टन, मई में 8 लाख टन, जून एवं जुलाई में 9-9 लाख टन, अगस्त में 8.50 लाख टन, सितम्बर में 7.50 लाख टन अक्टूबर में 9.50 लाख टन, नवम्बर में भी 9.50 लाख टन, दिसम्बर 2023 में 7.50 लाख टन एवं जनवरी 2024 में 6.50 लाख टन सरसों की क्रशिंग हुई।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों एवं सरकारी क्रय केन्द्रों पर कुल मिलाकर 106.75 लाख टन सरसों की आवक हुई। इसके अंतर्गत मार्च 2023 में 16.00 लाख टन, अप्रैल में 17.50 लाख टन, मई में 11.50 लाख टन, जून में 10.50 लाख टन, जुलाई में 13.00 लाख टन,
अगस्त में 8 लाख टन, सितम्बर में 6 लाख टन, अक्टूबर में 7.50 लाख टन, नवम्बर में 7 लाख टन, दिसम्बर 2023 में 5.50 लाख टन एवं जनवरी 2024 में 4.25 लाख टन की आपूर्ति शामिल है।
मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के मुताबिक मार्च 2023 से जनवरी 2024 के दौरान उत्तर प्रदेश में 9.95 लाख टन, राजस्थान में 44.70 लाख टन, पंजाब / हरियाणा में 4.25 लाख टन, गुजरात में 4.45 लाख टन, मध्य प्रदेश में 13.50 लाख टन तथा बंगाल-बिहार सहित अन्य राज्यों में 45.90 लाख टन और नैफेड / हैफेड के विपणन केन्द्रों पर 14 लाख टन सरसों की आवक हुई।
नैफेड द्वारा 11.25 लाख टन एवं हैफेड द्वारा 2.75 लाख टन सरसों की खरीद की गई। इसमें से नैफेड ने 2.75 लाख टन एवं हैफेड ने 2.00 लाख टन सरसों बेच दिया है और अब उसके पास क्रमश: 8.50 लाख टन तथा 75 हजार टन सहित कुल 9.25 लाख टन का स्टॉक है।
एजेंसी के अनुसार 1 मार्च 2023 को 112 लाख टन सरसों की उपलब्धता का अनुमान पूरे सीजन के लिए लगाया गया था जिसमें से 31 जनवरी 2024 तक 106.75 लाख टन की आवक हो गई। इस तरह किसानों के पास 1 फरवरी को 5.25 लाख टन सरसों का स्टॉक बच गया।
इसमें नैफेड / हैफेड का 14 लाख टन का स्टॉक शामिल था जिसे घटाने पर मंडियों में कुल 92.75 लाख टन सरसों की आवक आंकी गई जबकि इसी अवधि में 4.75 लाख टन सरकारी सरसों की बिक्री भी हुई जबकि कुल क्रशिंग 95 लाख टन की हुई।
इस तरह 1 फरवरी 2024 के नैफेड / हैफेड के पास 9.25 लाख टन, किसानों के पास 5.25 लाख टन तथा उद्योग-व्यापार क्षेत्र के पास 2.50 लाख टन सहित देश में कुल 17 लाख टन सरसों का अधिशेष स्टॉक मौजूद है।