नई दिल्ली। Budget Session: संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ सत्र शुरू होगा। वर्तमान लोकसभा का यह आखिरी सत्र है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कल एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। केंद्रीय बजट 2024 गुरुवार को सुबह 11:00 बजे के आसपास पेश किया जाएगा। इस साल का बजट 2024 एक अंतरिम बजट होगा क्योंकि आने वाले महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं और नई सरकार के चुने जाने के बाद पूरे साल का बजट पेश किया जाएगा।
हर साल की तरह बजट 2024 से भी आम आदमी, मध्यम वर्ग, किसानों, महिलाओं और उद्योग जगत को राहत मिलने की उम्मीदें ज्यादा हैं। ऐसी भी उम्मीदें हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करेगी और साथ ही रोडवेज और रेलवे जैसे प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों पर अपने पूंजीगत व्यय को जारी रखेगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कहा कि सीतारमण जम्मू-कश्मीर के लिए भी बजट पेश करेंगी, जहां राष्ट्रपति शासन है।
कुल 146 विपक्षी सांसदों का निलंबन हुआ था
बता दें कि सदन में तख्तियां लाने और बार-बार कार्यवाही में बाधा डालने के लिए दोनों सदनों में कुल 146 विपक्षी सांसदों का निलंबन हुआ था। इनमें से 100 लोकसभा सदस्य और 46 राज्यसभा सदस्य शामिल थे। इनमें 132 सांसदों का निलंबन शीतकालीन सत्र के लिए था, लेकिन 14 सांसदों के उल्लंघन को अधिक गंभीर माना गया था और मामले को दोनों सदनों की विशेषाधिकार समितियों के पास भेज दिया गया था।
ये सांसद हुए थे निलंबित
जिन सांसदों को विशेषाधिकार के उल्लंघन और सदन की अवमानना का दोषी ठहराया गया, उनमें जेबी मैथर हिशाम, एल हनुमंतैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी सी चंद्रशेखर, विनय विश्वम, संदोश कुमार पी, एम मोहम्मद अब्दुल्ला, जॉन ब्रिटास और ए ए रहीम शामिल हैं। समिति ने इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए धनखड़ को रिपोर्ट सौंपी कि निलंबित सदस्य बुधवार को संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के विशेष संबोधन में शामिल नहीं हो पाएंगे। सूत्रों ने कहा कि सभापति ने निलंबन को रद्द करने के लिए नियमों के तहत निहित अधिकार का इस्तेमाल किया, जिससे सदस्य राष्ट्रपति के अभिभाषण में भाग ले सकेंगे।
14 विपक्षी सांसदों का निलंबन रद्द
बजट सत्र शुरू होने से एक दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति ने सोमवार को 14 विपक्षी सांसदों का निलंबन रद्द कर दिया। इससे उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति मिल गई है। राज्यसभा के 11 और लोकसभा के तीन सांसदों को पिछले सत्र के दौरान निलंबित कर दिया गया था और उनके मामलों को संबंधित विशेषाधिकार समितियों को भेज दिया गया था। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 14 सांसदों का निलंबन रद्द करने के सरकार के अनुरोध पर सहमत हो गए हैं। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने सिफारिश की थी कि कांग्रेस के तीन सांसदों- अब्दुल खालिक, के जयकुमार और विजय वसंत का निलंबन रद्द कर दिया जाए क्योंकि उन्होंने शीतकालीन सत्र के दौरान अपने आचरण के लिए खेद व्यक्त किया था।
क्या मुद्दे उठाएगा विपक्ष
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सुरेश ने कहा कि पार्टी सत्र के दौरान बेरोजगारी, महंगाई, कृषि संकट और जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति का मुद्दा उठाएगी। तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि वित्त मंत्री को अंतरिम बजट में विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत पश्चिम बंगाल के बकाये को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक मुख्यमंत्री को राज्य को केंद्रीय बकाया के समय पर आवंटन की मांग के लिए धरने पर बैठना पड़ा।’’ समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने पूजा स्थल अधिनियम को मजबूत करने के लिए कदम उठाने की मांग की।