नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि डेस्कटॉप कंप्यूटर जैसे कुछ आईटी हार्डवेयर उत्पादों पर कोई आयात प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। वहीं, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार के सामने फिलहाल गेहूं, चावल और चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदियां हटाने का कोई भी प्रस्ताव नहीं है।
दरअसल, वाणिज्य मंत्रालय की शाखा विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने सीमा शुल्क अधिकारियों और उद्योग को एक सर्कुलर में डेस्कटॉप कंप्यूटर को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। इसके मुताबिक, आयात प्रतिबंध के दायरे में सिर्फ लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर शामिल हैं। इन सभी उत्पादों के आयात की अनुमति वैध आयात प्राधिकरण के तहत दी जाती है। डेस्कटॉप कंप्यूटर में सीपीयू और मॉनिटर अलग-अलग होते हैं, लेकिन ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर में सीपीयू इकाई के भीतर ही मौजूद होता है।
सर्कुलर के मुताबिक आईटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात पर लगा प्रतिबंध सीमा-शुल्क मद 8471 के तहत डेस्कटॉप कंप्यूटर जैसे अन्य उत्पादों पर लागू नहीं होता है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार की भाषा में, हरेक उत्पाद को एचएसएन कोड या सीमा-शुल्क मद के तहत वर्गीकृत किया जाता है।
यह दुनिया भर में वस्तुओं के व्यवस्थित वर्गीकरण में मदद करता है। सीमा-शुल्क मद 8471 में ऑटोमेटिक डेटा प्रसंस्करण मशीनों और इकाइयों से संबंधित उत्पाद रखे गए हैं। इनमें एक माउस, प्रिंटर, स्कैनर और सीडी ड्राइव शामिल हैं। एक अधिकारी ने कहा कि कुछ कंपनियों ने डीजीएफटी से संपर्क किया था कि सीमा शुल्क विभाग डेस्कटॉप के आयात की अनुमति नहीं दे रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
बता दें कि सरकार ने अगस्त, 2023 में कुछ आईटी हार्डवेयर वस्तुओं के निर्बाध आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन घरेलू और विदेशी कंपनियों की मांग पर अक्टूबर में इसने लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात प्रतिबंधों में ढील दी। आयातकों को मात्रा और मूल्य का विवरण देकर समुचित मंजूरी लेने के बाद इन हार्डवेयर की खेप विदेश से लाने की अनुमति दे दी।
गेहूं, चावल और चीनी निर्यात पर प्रतिबंध जारी
इस बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा-गेहूं, चावल और चीनी पर निर्यात प्रतिबंध हटाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। इसके साथ ही भारत गेहूं और चीनी का आयात नहीं करेगा। भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए मई, 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद जुलाई, 2023 से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। सरकार ने अक्टूबर, 2023 में चीनी के निर्यात पर भी रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि गेहूं और चीनी के आयात की ”न तो कोई योजना है और न ही इसकी कोई जरूरत है।”