कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 से सार्वजनिक स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं

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नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को JN.1 कोरोना वायरस स्ट्रेन को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया, लेकिन कहा कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं है। JN.1 को पहले इसके मूल वंश BA.2.86 के एक भाग के रूप में ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया गया था। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी।

WHO ने कहा, “उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर, जेएन.1 द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में कम माना गया है।” रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा कि मौजूदा टीके JN.1 और कोविड-19 वायरस के अन्य परिसंचारी वेरिएंट से होने वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से रक्षा करते हैं।

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि एजेंसी के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, 8 दिसंबर तक अमेरिका में सबवेरिएंट JN.1 अनुमानित 15% से 29% मामलों का कारण बनता है।

JN.1 का पहला मामला अमेरिका में मिला
इसमें कहा गया है कि वर्तमान में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि JN.1 वर्तमान में प्रसारित अन्य वेरिएंट की तुलना में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बढ़ा जोखिम पैदा करता है और वैक्सीन का एक नई खुराक अमेरिकियों को वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षित रख सकता है

CDC के अनुसार, इस सबवेरिएंट का पहली बार सितंबर में अमेरिका में पता चला था। पिछले हफ्ते, चीन ने कोविड के इस सबवेरिएंट के सात मामले सामने आये थे।