नई दिल्ली। चालू तेल वर्ष (अक्टूबर से सितंबर)2023-24 में सोयाबीन की पेराई बढ़कर 120 लाख टन होने का अनुमान है। बीते दो वर्षों से सोयाबीन का कैरी ओवर स्टॉक 24 से 25 लाख टन रहने से सोयाबीन की उपलब्धता भरपूर है। इसलिए सोयाबीन की पेराई ज्यादा होने की संभावना है। इस बीच, चालू तेल वर्ष में सोयाबीन के आयात में भी कमी आ सकती है।
सोयाबीन उद्योग के प्रमुख संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के मुताबिक तेल वर्ष 2023-24 में 120 लाख टन सोयाबीन की पेराई होने का अनुमान है। पिछले तेल वर्ष में 115 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई थी। इस तरह चालू तेल वर्ष में सोयाबीन की पेराई में 5.75 फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है। चालू तेल वर्ष के पहले महीने अक्टूबर में भी सोयाबीन की खूब पेराई हुई है।
अक्टूबर में 11.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई, जो पिछले साल के इसी महीने में हुई 9.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई से करीब 21 फीसदी ज्यादा है। सोपा के आंकड़ों के मुताबिक इस साल सोयाबीन की कुल उपलब्धता 147.81 लाख टन रहने का अनुमान है। इसमें 24.07 कैरी ओवर स्टॉक, 118.74 लाख टन उत्पादन और 5 लाख टन आयात शामिल है।
आयात में आ सकती है गिरावट
चालू तेल वर्ष में सोयाबीन के आयात में कमी आ सकती है। सोपा ने 5 लाख टन सोयाबीन के आयात का अनुमान लगाया है, जबकि पिछले तेल वर्ष में 7.03 लाख टन सोयाबीन का आयात हुआ था। इस तरह चालू तेल वर्ष में सोयाबीन का आयात करीब 29 फीसदी घट सकता है। हालांकि सोपा ने इस तेल वर्ष के दौरान सोयाबीन के निर्यात में इजाफा होने का अनुमान लगाया है। सोपा के मुताबिक वर्ष 2023-24 के दौरान 25 हजार टन सोयाबीन का निर्यात होने का अनुमान है, जो वर्ष 2022-23 के 22 हजार टन सोयाबीन निर्यात से करीब 13 फीसदी ज्यादा है।