रिजर्व बैंक की सख्ती से पर्सनल लोन 0.50 फीसदी तक महंगा होने की संभावना

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नई दिल्ली। आरबीआई के बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए असुरक्षित कर्ज से जुड़े नियमों को सख्त करने से पर्सनल लोन 0.50 फीसदी तक महंगा हो जाएगा। केंद्रीय बैंक ने असुरक्षित कर्ज के लिए जोखिम भार 25 फीसदी बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया है। इसका सबसे ज्यादा असर एनबीएफसी पर होगा क्योंकि बैंकों से पूंजी लेने की वजह से उनका कर्ज महंगा हो जाएगा।

इस फैसले से बैंकों और एनबीएफसी को अब ज्यादा पूंजी अपने पास रखनी होगी। इससे वे कर्ज देने की रफ्तार घटाने के साथ ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं। मैक्वायरी कैपिटल ने कहा, इस सख्ती से बैंकों की कर्ज वृद्धि में दो फीसदी तक गिरावट आ सकती है। निजी बैंकों के लिए बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन सरकारी बैंकों के लिए यह बड़ा मुद्दा हो सकता है। रेटिंग एजेंसी नोमुरा ने कहा, आरबीआई की सख्ती स्पष्ट संकेत है कि वह असुरक्षित कर्ज वृद्धि पर अंकुश चाहता है। आईडीबीआई बैंक के उपप्रबंध निदेशक सुरेश खटनहर ने कहा, बैंक असुरक्षित कर्ज क्षेत्र में जोखिम घटाने पर विचार कर सकते हैं।

एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में कहा, कर्ज सख्ती से बैंकों को 84,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, रेपो दर उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। ऐसे में आरबीआई वृद्धि और महंगाई के तय लक्ष्य पाने के लिए नकदी प्रबंधन व सूझबूझ वाले वृहद आर्थिक उपायों का सहारा ले रहा है। केंद्रीय बैंक ने मजबूत संदेश दिया है कि वह किसी भी शुरुआती वित्तीय स्थिरता से जुड़े जोखिम से निपटने को पूरी तरह से तैयार है।

वित्तीय क्षेत्र की साख पर असर नहीं: एसएंडपी
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा, आरबीआई के फैसले से बैंकों की पूंजी पर्याप्तता में 0.6 फीसदी कमी आ सकती है। एजेंसी की क्रेडिट विश्लेषक गीता चुघ ने कहा, धीमी कर्ज वृद्धि व जोखिम प्रबंधन पर बढ़ा जोर भारतीय बैंकिंग प्रणाली में परिसंपत्ति गुणवत्ता को बेहतर करेगा। इन बदलावों का भारत के वित्तीय क्षेत्र की साख पर कोई तत्काल प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। 

पहले की तरह आसानी से मिलता रहेगा उधार
बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने बताया, जिन ग्राहकों की कमाई व क्रेडिट स्कोर अच्छा है और जिन्होंने समय पर किस्त चुकाया है, उन पर इस फैसले का असर नहीं होगा। बैंक ऐसे ग्राहकों को पहले की तरह कर्ज देते रहेंगे। कर्ज भुगतान में डिफॉल्ट करने वाले पर पहले भी असर होता था। अब भी होगा। जो बैंक और वित्तीय संस्थान आक्रामक तरीके से क्रेडिट कार्ड व पर्सनल लोन बांट रहे थे, उन पर अंकुश। पूरा फैसला छोटे कर्ज को लेकर है, इसलिए इसका ज्यादा असर नहीं होगा।

सख्ती से हमारे बैंक पर पड़ेगा न्यूनतम प्रभाव
दिनेश कुमार खारा, चेयरमैन, एसबीआई का कहना है कि असुरक्षित कर्ज पर अंकुश लगाने के लिए आरबीआई के जोखिम भार में बढ़ोतरी का असर हमारे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड पर 0.50 से 0.60 फीसदी तक पड़ सकता है। पर्सनल लोन के लिए सख्त नियमों से पूंजी अनुपात पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा।

6 फीसदी तक टूटे वित्तीय संस्थानों के शेयर
बैंकों और एनबीएफसी के शेयर शुक्रवार को करीब 6 फीसदी तक टूट गए। एसबीआई कार्ड का शेयर 5.19 फीसदी, बजाज फाइनेंस का दो फीसदी और आदित्य बिड़ला कैपिटल का शेयर 5.71 फीसदी गिरकर बंद हुआ। एसबीआई का शेयर 3.64 फीसदी, एक्सिस बैंक का 3.03 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक का 1.45 फीसदी, पंजाब नेशनल बैंक का दो फीसदी और केनरा बैंक का शेयर दो फीसदी गिरावट में बंद हुआ।