रोजगार योजनाओं में अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश

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जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधकों की समीक्षा बैठक
  • जिला उद्योग केन्द्रों के कार्यों की योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर रेंकिंग आधारित समीक्षा 
  • समीक्षा में डूंगरपुर, बीकानेर और बारां पहले तीन स्थानों पर रहे, वहीं बाड़मेर अंतिम स्थान पर

जयपुर । उद्योग विभाग ने पहली वार विभाग की 10 योजनाआें के क्रियान्वयन की रेंकिंग आधारित समीक्षा में समग्र रुप से डूंगरपुर, बीकानेर और बारां पहले तीन स्थानों पर रहे वहीं बाड़मेर अंतिम स्थान पर रहा।

प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई डॉ. सुबोध अग्रवाल ने अधिकारियों को कम से कम 10 फीसदी उद्योग आधार मेमोरेंडम का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं वहीं रीको द्वारा आयोजित समस्या समाधान शिविरों में हिस्सा लेकर उद्योगों की समस्याआें के स्थानीय स्तर पर ही समाधान करने को कहा हैं।

प्रमुख सचिव डॉ. अग्रवाल मंगलवार को उद्योग भवन में आयुक्त कुंजी लाल मीणा के साथ राज्य के जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधकों की समीक्षा बैठक ले रहे थे।

उन्होंने कहा कि एमएसएमई उद्योगों को पहचान दिलाने, प्रदेशवासियाें से रुबरु कराने और देश-दुनिया में बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उद्योग विभाग द्वारा लघु उद्योग भारती के साथ मिलकर आगामी 5 से 8 जनवरी, 18 तक इण्डिया इण्डस्टि्रयल फेयर का जयपुर में आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस फेयर में विभिन्न राज्योेें के 600 से अधिक उद्योगों द्वारा हिस्सा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए सीधे संवाद का महत्वपूर्ण अवसर होने से जिलों से अधिक से अधिक उद्योगों का इस फेयर में भागीदारी तय की जाए।

उद्योेग आयुक्त कुंजी लाल मीणा ने कहा कि विभागीय मोनेटरिंग व्यवस्था को मजबूत करते हुए अब प्रतिमाह 13 बिन्दुओं पर समीक्षा की जाएगी।

उन्होंने प्रधानंमत्री रोजगार गारंटी योजना और भामाशाह रोजगार सृजन योजना से अधिक से अधिक युवाओं को ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने दोनों ही रोजगारपरक योजनाओं में बैंकों द्वारा ऋण वितरण में देरी पर असंतोष व्यक्त किया।

मीणा ने बताया कि रेंकिंग व्यवस्था के अनुसार पीएमएसवाई में पहले तीन स्थान पर जयपुर ग्रामीण, अलवर व जोधपुर रहा हैं वहीं भामाशाह रोजगार योजना में पाली, करौली और झालावाड़ शीर्ष पर रहे।

उन्होंने औद्योगिक प्रोत्साहन शिविरों के आयोजन, आर्टिजन परिचय पत्र जारी करने में तेजी लाने, रिप्स योजना के क्रियान्वयन, के्रता-विक्रेता सम्मेलन, जिला स्तर पर औद्योगिक मेले एवं प्रदर्शनी के आयोजन और जिला स्तरीय औद्योगिक सलाहकार समिति की नियमित बैठक आयोजित कर औद्योगिक विकास को गति देने के निर्देश दिए।

बैठक में लघु उद्योग भारती के फेयर संयोजक महेन्द्र कुमार खुराना, अतिरिक्त निदेशकों में डीसी गुप्ता, एलसी जैन, पीके जैन, संयुक्त निदेशकों में संजीव सक्सैना, अविन्द्र लढ़ढा, एसएस शाह , विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधक उपस्थित थे।