कोटा। funeral from Gau Cast: किशोरपुरा मुक्तिधाम पर प्रथमबार गोकास्ट से निशुल्क अंतिम संस्कार किया गया। मातेश्वरी सेवा संस्थान के ट्रस्टी गोविंदराम मितल ने बताया कि कोटा शहर में गोकास्ट से अंतिम संस्कार की यह पहल पर्यावरण संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगी।
एक अंतिम संस्कार से लगभग पांच पेड़ों को कटने से बचाया जा सकता है। ट्रस्टी शरद चतुर्वेदी ने बताया कि यह संस्कार मातेश्वरी सेवा संस्थान व गोमय परिवार के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। शुक्रवार प्रात 9 बजे महावीर नगर द्वितीय निवासी गिरीश गुप्ता के निधन के उपरान्त उन्हे किशोरपुरा मुक्तिधाम पर अंमित संस्कार किया गया। उनका संस्कार में उनकी पत्नी उमा गुप्ता ने मुखागनि दी। ट्रस्टी डॉ. एस के. सिंघल ने बताया कि इस अंतिम संस्कार में करीबन 1.5 घंटे का समय लगा और 250 किलों गो कास्ट लगी।
पर्यावरण संरक्षण की ओर कदम: गोविंद राम मित्तल ने बताया कि गोबर,हवन सामग्री एवं कृषि अपशिष्ट से बनी गो कास्ट पर्यावरण संरक्षण मे मील का पत्थर साबित होगी उन्होने बताया कि संस्था प्रत्येक अंतिम संस्कार पर 5 पेड लगाती है। कोराना काल में आक्सीजन एवं अंतिम संस्कार के लिए लकडियों की कमी का अभाव देखा गया था, दाह संस्कार में गोकास्ट के इस्तेमाल से प्रत्येक अंतिम संस्कार में लगनी वाली 4 से 5 क्विंटल लकडी की बचत होगी जो कि 5 पेड़ों को बचाने में कारगर साबित होगी।
अन्य मुक्तिधाम पर प्रारंभ करने की योजना: गो कास्ट को किशोरपुरा एवं अमरलोक धाम आरकेपुरम के उपरान्त अन्य मुक्तिधाम पर प्रारंभ करने की योजना भी है। इस अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में शीघ्र ही पशुओं को भी शामिल किया जाएगा और पशुओं का अंतिम संस्कार अमरलोकधाम आरकेपुरम में किया जाएगा।