उर्वरक सब्सिडी को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी, किसानों को 266 रुपये बोरी मिलेगा यूरिया

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नई दिल्ली। Fertilizer subsidy” केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पोषक तत्व पर आधारित व्यवस्था के तहत प्रति किलोग्राम सब्सिडी में बदलाव किया है। नाइट्रोजन फास्फोरस, पोटैशियम और सल्फर पर अक्टूबर-मार्च अवधि के लिए मिलने वाली सब्सिडी, अप्रैल-सितंबर अवधि की तुलना में घटा दी गई है। इससे खजाने पर 22,303 करोड़ रुपये बोझ पड़ेगा।

इस फैसले से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि उर्वरक की वैश्विक दरों में कुछ बढ़ोतरी के बावजूद भारत के किसानों के बहुत ज्यादा सब्सिडी वाली दर पर 266 रुपये प्रति बोरी के भाव यूरिया मिलता रहेगा। जबकि मिश्रित उर्वरकों जैसे डीएपी की कीमत 1,350 रुपये प्रति बोरी, विभिन्न ग्रेड के एनपीए की औसत कीमत 1,470 रुपये प्रति बोरी और एमओपी की कीमत 1,655 रुपये प्रति बोरी होगी। एमओपी की कीमत अप्रैल-सितंबर के दौरान करीब 1,700 रुपये प्रति बोरी थी।

अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान सरकार ने एनबीएस के दौर में 38,000 करोड़ रुपये व्यय का अनुमान लगाया था। आज घोषित सब्सिडी के बाद गैर यूरिया उर्वरक पर कुल सब्सिडी करीब 60,000 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 24 के बजट में गैर यूरिया उर्वरकों पर 44,000 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान लगाया गया था।

यूरिया और गैर यूरिया पर कुल सब्सिडी 1,75,099 करोड़ रुपये आने का अनुमान लगाया गया था, जिसमें से यूरिया सब्सिडी 1,31,100 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि गैर यूरिया सब्सिडी 44,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। संवाददाताओं को जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को सस्ती दरों पर पर्याप्त उर्वरक मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है।

एनपीके और एस पर प्रति किलो सब्सिडी दर घटाए जाने के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने कहा कि तैयार माल और कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमत कुछ कम हुई हैं, लेकिन अभी भी कीमत ज्यादा है। ऐसे में सरकार पुरानी दर बहाल रखने के लिए सब्सिडी मुहैया करा रही है। पिछले वित्त वर्ष में उर्वरक सब्सिडी करीब 2.55 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि 2014-15 में 73,000 करोड़ रुपये सब्सिडी दी गई थी।

सरकार ने एक बयान में कहा कि किसानों को सरकार सब्सिडी वाला, वहनीय और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। इसमें कहा गया है कि पीऐंडके उर्वरकों की हाल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों और इनपुट को देखते हुए सब्सिडी कम की गई है। सरकार 25 ग्रेड के पीऐंडके उर्वरक किसानों को सब्सिडी वाली दरों पर मुहैया करा रही है। 1अप्रैल 2010 में लागू एनबीएस योजना के तहत पीऐंड के उर्वरकों पर सब्सिडी मुहैया कराई जा रही है।