मोदी को वसुंधरा से बैर, पर लाखों किसानों को क्यों दे रहे धोखा: गहलोत

0
66
कांग्रेस का कहना है कि श्रीमती वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थी तो उन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को मंजूरी दी थी और पिछले विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलवाने का वादा किया था। भाजपा राज्य का तो चुनाव हार गई , लेकिन बाद में हुए आम चुनाव में सभी 25 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी चुने गए। लेकिन इसके बावजूद प्रधानमंत्री इस नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं देकर किसानों के साथ धोखा क्यों कर रहे हैं? बैर वसुंधरा राजे से है तो धोखा किसानों से क्यों?

-कृष्ण बलदेव हाडा-
बारां। Congress election campaign: राजस्थान में कोटा संभाग के बारां से कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर भारतीय जनता पार्टी खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पार्टी अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी। इस मौके पर कांग्रेस ने इस नहर परियोजना सहित जातीय आधार पर जनगणना करवाने और प्रदेश की कांग्रेस सरकार को संदेह के घेरे में लाने के लिए उठाए जा रहे लाल डायरी के मसले पर उल्टे भाजपा भाजपा नेताओं का उपहास किया।

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के मामले में वायदा खिलाफी के खिलाफ शुरू किए गए जन-जागरण अभियान के तहत सोमवार को बारां में डोल मेला तालाब परिसर में आयोजित एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की नेता श्रीमती वसुंधरा राजे से मोदी जी का बैर है तो वे इस बैर को लेकर प्रदेश के 13 जिलों के लाखों किसान परिवारों को सिंचाई और पीने के पानी का हक मारकर क्यों सता रहे हैं? मोदी ने ही जनता से यह वायदा किया था कि इस नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाएगा। लेकिन अब प्रदेश की जनता के साथ धोखा कर रहे हैं।

श्री गहलोत ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव अभियान के दौरान श्री मोदी ने चुनाव के बाद नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलवाने की बात कही थी। विधानसभा चुनाव के बाद राजस्थान की जनता ने तो मोदी जी को प्रदेश की 25 सीटों से उनकी पार्टी के सांसद जिता कर भेजे, लेकिन इसके बावजूद वे इस नहर परियोजना को अपने वायदे के मुताबिक राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं देकर जनता के साथ धोखा कर रहे हैं।

श्री गहलोत ने कहा कि नरेंद्र मोदी का वसुंधरा राजे से मतभेद हो सकता है और यह उनकी पार्टी का अपना मामला है, इस पर नहीं बोलेंगे, लेकिन इसकी आड़ में वे राजस्थान के 13 जिलों के किसानों को उनके अधिकारों से क्यों वंचित रख रहे हैं? यह उनकी वायदा खिलाफी है और सीधे-सीधे जनता के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना तो श्रीमती राजे के समय बनी है और इसके बाद श्री मोदी द्वारा इसे राष्ट्रीय दर्जा दिए जाने का वादा करने के बाद भी इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं की जा रही है। जबकि देश में 16 परियोजनाएं राष्ट्रीय परियोजना बन चुकी है तो सत्रहवीं क्यों नहीं बन सकती है, लेकिन नहीं बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान से 25 सांसद दिए गए, लेकिन ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में शानदार काम हुआ। कर्जा माफी, स्वास्थ्य के अधिकार का कानून बनाकर दिया गया है। मनरेगा शहर, इंदिरा रसोई योजना सहित कई ऐतिहासिक काम किए गए जिनकी घर घर में चर्चा है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर ईडी, इनकम टैक्स जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे लोकतंत्र को खतरा है और न्यायपालिका दबाव में हैं। देश किस दिशा में जा रहा है, सबको सोचने की जरुरत है।

श्री गहलोत ने अपील करते हुए आह्वान किया कि यहां बहुत सारे लोग आये हुए हैं और इन्हें इस बार इतिहास बनाया जाना चाहिए। उन्होंने नारा दिया “काम किया दिल से, कांग्रेस फिर से।” उन्होंने कहा कि प्रदेश में बुजुर्गों को पेंशन, किसानों एवं महिलाओं सहित सभी वर्ग के लिए काम किया गया और कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। जबकि प्रदेश में भाजपा सरकार आई तो रिफायनरी का काम बंद कर दिया गया। जयपुर मेट्रो एवं हरिदेव जोशी यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया। ऐसे योजनाएं बंद कर लोगों को नौकरी मिली हुई थी उसे ही छीन लिया गया। उन्होंने कहा कि अगर वादा करो तो उस पर खरा भी उतरना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह संसद में कम बैठते है एवं राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए दौड़ते रहते हैं और अपनी जुबान पर नहीं चले हैं। जबकि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता से किया अपना वचन निभाया हैं। श्री खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए जयपुर सहित दो स्थानों पर अपनी जुबान दी, लेकिन उस पर चले नहीं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के लिए पैसे देने का जनता से वादा किया लेकिन आज तक इस बारे में कोई पता नहीं है। राज्य की कांग्रेस सरकार कम से कम 25 हजार करोड़ रुपए खर्च करके इस परियोजना को आगे बढा रही है। लेकिन श्री मोदी ने एक पैसा भी नहीं दिया है मगर वह बात बहुत करते हैं।

श्री खड़गे ने कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद प्रदेश के 21 लाख किसानों के कर्ज माफ किए गए। लेकिन केंद्र सरकार किसान और मजदूर विरोधी नीतियां अपनाए हुए हैं। राजस्थान को उसके महात्मा गांधी नरेगा योजना के हिस्से का पैसा नहीं दे रही है। श्री खड़गे ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाते हुए इस मांग को दोहराया कि देश में अब जातीय आधार पर जनगणना की जानी चाहिए।

जातीय आधार पर जनगणना की गई तो अन्य पिछड़ा वर्ग को उसके वाजिब हक के अनुसार आरक्षण की योजनाओं का लाभ मिलेगा। यह मुद्दा देश की बड़ी आबादी से जुड़ा हुआ है और कांग्रेस तो कह भी चुकी है कि केंद्र की सरकार बनने के बाद जातीय आधार पर जनगणना करवाई जाएगी।