Nepotism: क्या कांग्रेस में इस बार परिवारवाद हावी रहेगा

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अशोक गहलोत के पुत्र वैभव, शांति धारीवाल के पुत्र अमित की टिकट के लिए दावेदारी

जयपुर। #Nepotism in Congress: राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस में इस बार परिवारवाद हावी रहने की संभावनाएं जताई जा रही है। हाल ही में मध्यप्रदेश में जारी की गई कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची में कई नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया जा सकता है। राजस्थान में भी कांग्रेस की पहली लिस्ट का इंतजार है।

इसी बीच ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत सहित पार्टी के कई नेताओं के नजदीकी रिश्तेदारों को टिकट दिए जा सकते हैं। पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ नेताओं ने ऐलान कर दिया था कि उनके स्थान पर उनके बेटों को टिकट दिया जाए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को इस बार विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। उनके लिए सुरक्षित सीट की तलाश की जा रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में वह गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने चुनाव हार गए थे। अब वैभव गहलोत के लिए बीकानेर पूर्व, हिंडोली, जयपुर की हवामहल, चौमू या जोधपुर की फलौदी के साथ कुछ अन्य सीटों पर विचार किया जा रहा है। जोधपुर के सरदार शहर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं चुनाव लड़ेंगे। ऐसे ही तमाम बड़े नेताओं पर एक नजर डालते हैं जिनके परिजनों को टिकट दिया जा सकता है।

टिकट के दावेदार

अमित धारीवाल – गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के पुत्र अमित धारीवाल कोटा उत्तर सीट से टिकट के दावेदार हैं। वे अपने पिता की राजनैतिक विरासत संभालने की कोशिश में हैं। इसके लिए शांति धारीवाल भी जाजम बिछा चुके हैं।

  1. सुनीता चौधरी – कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी की पुत्री सुनीता चौधरी गुढामलानी से टिकट की दावेदार हैं। हेमाराम स्वयं इसी सीट से विधायक हैं। अब उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। उनके स्थान पर उनकी पुत्री सुनीता चौधरी टिकट मांग रही है।

शेर मोहम्मद – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमीन खान शिव विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। अब वे चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। अपनी परंपरागत सीट से अब अमीन खान अपने बेटे शेर मोहम्मद को टिकट दिलाना चाह रहे हैं।

  1. बालेन्दु सिंह शेखावत – सीकर जिले की श्रीमाधोपुर विधानसभा सीट से दीपेन्द्र सिंह शेखावत विधायक हैं। वे पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पिछले कई महीनों से वे अस्वस्थ चल रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया। शेखावत अपनी परंपरागत सीट से अपने बेटे बालेन्दु शेखावत को टिकट दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।

गिरिराज सिंह – सीकर जिले की खंडेला विधानसभा सीट से महादेव सिंह खंडेला अपने पुत्र गिरिराज सिंह को टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे हैं।

रोहित जोशी – महेश जोशी जयपुर की हवामहल विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री हैं। रोहित जोशी उनके पुत्र हैं। इस बार खुद के लिए टिकट मांगने के साथ जोशी अपने बेटे के लिए भी टिकट की पैरवी कर रहे हैं।

सोनिया सिंह – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और खेतड़ी से विधायक रहे जितेन्द्र सिंह अपनी पुत्री सोनिया सिंह के लिए टिकट हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।

अवधेश बैरवा – कठूमर से कांग्रेस नेता बाबूलाल बैरवा अपने पुत्र अवधेश बैरवा के लिए टिकट पाने की कोशिश में लगे हैं।

रवि – जयपुर जिले की बगरू विधानसभा सीट से गंगादेवी भी अपने पुत्र रवि को राजनीति में उतारना चाहती हैं। वे अपनी सीट पर अब अपने बेटे को टिकट दिलाने की कोशिश कर रही हैं।

  1. राकेश – महेश मोरदिया – धोद विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रह चुके परसराम मोरदिया भी अपने दोनों बेटों में से किसी एक को राजनैतिक विरासत सौंपना चाहते हैं। उनके दो बेटे हैं राकेश मोरदिया और महेश मोरदिया। इन दोनों में से किसी एक को धोद से टिकट दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़