केंद्र सरकार ने सेला चावल पर निर्यात शुल्क 31 मार्च तक बढ़ाया

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नई दिल्ली। Export duty on sela rice: केंद्र सरकार ने घरेलू कीमतों को काबू में रखने और पर्याप्त चावल की उपलब्धता के लिए उसना चावल पर निर्यात शुल्क अगले साल 31 मार्च तक बढ़ा दिया है। वित्त मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उसना (सेला) चावल कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए इस किस्म के चावल पर 25 अगस्त से 16 अक्तूबर के लिए 20 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया गया था। अब इसे अगले साल मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

इससे पहले सरकार ने आगामी त्योहारों को देखते हुए घरेलू बाजार में आपूर्ति और कीमतों को काबू में रखने के लिए जुलाई में गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इस पाबंदी के साथ ही सरकार ने सभी तरह के गैर बासमती चावलों के निर्यात पर रोक लगा दी है। देश से होने वाले कुल चावल के निर्यात में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी है।

भारत-ब्रिटेन में एफटीए पर समझौते की उम्मीद: भारत व ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ता काफी आगे बढ़ चुकी है। दोनों पक्ष बाकी बचे मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने शुक्रवार को कहा, वार्ता अग्रिम चरण में है। हम मतभेदों को दूर कर रहे हैं। हमें इन वार्ताओं के पूरा होने तक इंतजार करना चाहिए। बातचीत का 13वां दौर अभी जारी है।

यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों पक्षों को इस महीने वार्ता खत्म होने की उम्मीद है। इस महीने के अंतिम सप्ताह में समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। वार्ता के 26 अध्यायों में ज्यादातर पूरे हो चुके हैं। बाकी बचे मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर उच्चस्तरीय वार्ता जारी है। इस संबंध में ब्रिटेन से एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल यहां आया है। इससे पहले बर्थवाल के नेतृत्व में एक टीम हाल ही में लंदन में थी।