कोटा बैराज के 12 गेट खोलने से चंबल रिवर फ्रंट पर बाढ़ का खतरा, देखिए वीडियो

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चंबल रिवर फ्रंट पर बाढ़।

कोटा। Danger of flood on Chambal River Front: कोटा बैराज के 12 गेट खोलने से शहर में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 1400 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित चंबल रिवर फ्रंट पर इन दिनों बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जलनिकासी से चंबल रिवर फ्रंट के घाट लगभग जलमग्न हो गए।

शाम से ही सतर्कता के तौर पर रिवर फ्रंट पर लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया। रिवर फ्रंट के लोकार्पण को अभी एक सप्ताह पूरा हुआ है। चंबल में जोरदार जलराशि की आवक हो रही है। ऐसे में निचली बस्तियों को बाढ़ से बचाने के लिए बनाई गई सुरक्षा दीवारों व रिवर फ्रंट के घाटों पर किए गए निर्माण कार्य, सीढ़ियों, रेलिंग आदि की भी परीक्षा होगी। रिवर फ्रंट से बोट को पहले ही बाहर निकाल लिया था।

कोटा बैराज की डाउन स्ट्रीम से करीब ढाई किलोमीटर लम्बा चंबल रिवर फ्रंट का निर्माण बाढ़ रोकने के उद्देश्य से किया गया था। इसका उद्घाटन मंत्री शांति धारीवाल ने किया था। इस रिवर फ्रंट के बनने के बाद से कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। अब कोटा बैराज के गेट खुलने के बाद चंबल रिवर फ्रंट की सीढ़ियां पानी में डूब चुकी हैं।

रिवर फ्रंट को बाढ़ से नुकसान नहीं
रिवर फ्रंट को लेकर चीफ आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया ने हाल ही में दावा किया था कि वर्ष 2019 में कोटा में आई बाढ़ जैसे हालात अब कोटा में नहीं होंगे। रिवर फ्रंट को उस समय के जलस्तर से भी दो मीटर अधिक ऊंचाई पर बनाया गया है। ऐसे में यहां के मोन्यमेंट्स तक पानी नहीं पहुंचेगा। जल प्लावन की स्थिति में भी अधिकतम घाटों की ऊपरी हिस्से तक ही पानी आएगा। घाटों को भी गुणवत्तापूर्ण तरीके से बनाया गया है। ऐसे में यहां कोई नुकसान नहीं होगा।

2.35 लाख क्यूसेक पानी की निकासी
मध्यप्रदेश में भारी बरसात के बाद चंबल नदी में लगातार पानी की जोरदार आवक के चलते बांधों से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। कोटा बैराज से 12 गेट खोल कर करीब 2.35 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी की आवक लगातार बढ़ने से बैराज से जलनिकासी की मात्रा बढ़ाकर 3 लाख क्यूसेक किए जाने की संभावना है।

निचली बस्तियों में अलर्ट
उधर, प्रशासन ने निचली बस्तियों में अलर्ट करवा दिया है। बैराज से जलनिकासी के बाद सोमवार रात दस बजे पत्रिका टीम हालात का जायजा लेने पहुंची तो पाया कि चंबल रिवर फ्रंट के पूर्वी घाट पर सुरक्षा दीवार बनाए जाने से पाटनपोल से नयापुरा पुलिया नदी किनारे बसी बस्तियों में चंबल का पानी नहीं घुस पाया।

एमपी से पानी की आवक जारी
अधिशाषी अभियंता भारत रत्न गोड़ ने बताया कि दो दिन में एमपी के कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश हुई है। उस कारण गांधीसागर के बड़े कैचमेंट एरिया इनफ्लो साढ़े 4 लाख क्यूसेक पहुंच गया था। शुरू में उनका लेवल 1301 के आसपास चल रहा था। दो दिन में उनका पानी 8 से 10 फीट बढ़ गया है। और लेवल बढ़कर 1310 क्रॉस कर चुका है। इसलिए अब जितना पानी आ रहा है इसको निकालने की कोशिश कर रहे है।

वर्तमान में सभी बांध भराव क्षमता पर है। इस कारण जितना पानी आएगा उतना ही डिस्चार्ज किया जाएगा। निचले इलाकों में बनी बस्तियों के लोगों लेकर जिला प्रशासन को अवगत करवा दिया। लो लाइन एरिया से लोगों को शिफ्ट करवाने का आग्रह किया है।