-कृष्ण बलदेव हाडा –
कोटा। देशी-विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए शहर को आज एक और सौगात मिली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को झालावाड़ रोड स्थित सिटी ऑक्सीजोन पार्क का लोकार्पण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने की।
श्री गहलोत बुधवार सुबह करीब 10:45 बजे हैलीकॉप्टर से कोटा एयरपॉर्ट और सीधे सिटी ऑक्सीजोन पार्क में गए और बंद पड़े कारखाने इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड की पुरानी आवासीय कॉलोनी में विकसित किए गए ऑक्सीजोन सिटी पार्क का लोकार्पण किया। लोकार्पण के मौके पर राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी सहित गहलोत सरकार की कई वरिष्ठ मंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विभिन्न निगमों, बॉर्ड़ो के अध्यक्ष एवं कांग्रेस के पदाधिकारी मौजूद थे।
बाद में मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों,अधिकारियों सहित ऑक्सीजोन सिटी पार्क का भ्रमण किया और करवाएं गए निर्माण कार्या का अवलोकन करते हुए उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की। पूरे कार्यक्रम के दौरान नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल उनके साथ रहे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत को कल चंबल रिवर फ्रंट लोकार्पण कार्यक्रम में भी मुख्य अतिथि के रुप में भाग लेना था, लेकिन उन्होंने अपरिहार्य कारणों से कोटा आने में असमर्थता व्यक्त की थी, लेकिन बुधवार के कार्यक्रम में शामिल होने के प्रति अपनी सहमति जताई थी।
कोटा विकास न्यास ने शहर की घनी आबादी क्षेत्र के बीच में लगभग 30 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ऑक्सीजन सिटी पार्क का विकास किया गया है जिसमें करीब 85 प्रतिशत हिस्सा हरियाली के साथ प्राकृतिक रूप में विकसित गया है जिससे वातावरण को शुद्ध करने में मदद मिलेगी।
इस पार्क को यहां विकसित करने का मुख्य उद्देश्य कोटा में आने वाले कोचिंग के छात्रों को तनाव मुक्त माहौल उपलब्ध करवाना है। क्योंकि जिस स्थान पर यह ऑक्सीजोन सिटी पार्क का विकास किया गया है, कोटा के अधिकतर कोचिंग संस्थान, हॉस्टलों आसपास ही है। इस ऑक्सीजोन सिटी पार्क विकास का काम वर्ष 2020 में 17 फरवरी को शुरू किया गया था जिसे लगभग 3 साल बाद 30 मार्च 2023 को पूरा किया गया जिस पर कुल लागत तकरीबन 120 करोड रुपए आई है।
कोटा नगर विकास न्यास के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस पार्क में दोनों ओर प्रवेश के लिए द्वार बनाए गए हैं जिन्हें आकर्षित स्वरूप देने के लिए दो विशाल फ़व्वारों का वहां निर्माण किया गया है। पार्क में एक पक्षीशाला की स्थापना की गई है जिसमें लगभग 200 देसी-विदेशी प्रजातियों के पक्षियों को रखा गया है। पार्क में एक पहाड़ी बनाई गई है जो एक दर्शनीय स्थल है।
ऑक्सीजोन सिटी पार्क के बीच में 120 मीटर लंबी एवं 12 से 15 मीटर चौड़ाई में नहर का निर्माण किया गया है ताकि उसके दोनों किनारों पर लोग पैदल यात्रा कर सकते हैं।ऑक्सीजोन सिटी पार्क के बीच में इंटरनल गार्डन में 12 गुणा 12 मीटर एंव 9 मीटर ऊंचा इनवर्टेड पिरामिड का निर्माण किया गया है जिस पर 3डी प्रोजेक्शन स्थापित की जाएगी। पार्क में 15 मीटर ऊंची गनमेटल से प्रतिमाएं बनाई गई जो नॉलेज फ्रीडम, सेव द अर्थ जैसे अलग-अलग ही संदेश देता हुआ नजर आती है।
ऑक्सीजोन सिटी पार्क में 13 गुणा 18 मीटर का एक ग्लास हाउस का निर्माण किया गया है। यह गिलास हाउस इसलिए भी चर्चित है क्योंकि बुधवार को इसमें राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली थी जिसे अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया। पार्क में 10 मीटर की ऊंचाई पर 45 गुणा 40 मीटर का पॉण्ड बनाया गया है। इस पॉण्ड़ में से 320 मीटर लंबा एक झरना पेड़-पौधों के बीच में से अपने जल प्रवाह के साथ आगे बढ़कर नहर में मिलता है जिसके कारण उत्पन्न प्राकृतिक सौंदर्य का नैसर्गिक नजारा उत्पन्न हो जाता है।
पूरे पार्क में लगभग 4 किलोमीटर लंबा ट्रैक एवं 1.25 किलोमीटर नहर के सहारे जोगिंग के लिए कच्चे ट्रैक बनाए गए हैं। नहर के ऊपर दो स्टोन ब्रिज, एक वुड़न ब्रिज और एक रैंप ब्रिज का निर्माण किया गया है। इसके अलावा यहां आने वाले लोगों और बच्चों के मनोरंजन और खाने-पीने के लिए फूड जोन, कैफ़ेटेरिया, सिटी बाजार, एमपी थिएटर आदि का निर्माण किया गया है। ओपन जिम भी यहां स्थापित की गई है।
इस पार्क में घने जंगल के बीच से निकल रही नहर भी है जहां नाव चलेगी। यहां टावर पर रेस्टोरेंट होगा और कम्युनिटी हॉल भी है। पार्क में शीश महल है और अलग-अलग वैरायटी के फूल भी है। 71 एकड़ में बने इस पार्क को विकसित करने में 100 करोड़ रुपए की लागत आई है। यहां पहले आईएल कॉलोनी हुआ करती थी। ऑक्सीजोन सिटी पार्क में 1200 मीटर की नहर है, इस नहर में हमेशा फिल्टर पानी का ही उपयोग होगा।
यहां नहर से जुड़े डक पौंड और झरनों में भी फिल्टर पानी का उपयोग किया जा रहा है। यह नहर पूरे पार्क को कवर करती है और नहर से भी पर्यटक पूरे पार्क का नजारा देख सकेंगे। नहर में बोट भी चल रही है। नहर में तीन जगह पर बोटिंग पॉइंट बनाए गए हैं। नहर में औसत डेढ़ मीटर तक पानी रहेगा। तालाब से 10 मीटर की दूरी पर ही पक्षियों के बैठने के लिए अंडे के आकार का एक पिंजरा बनाया है, जो एक तरफ से खुला है। यह ढांचा 30 डिग्री इंक्लाइन यानी तिरछी स्थिति में बनाया गया है। इसमें पक्षी आसानी से बैठ सकेंगे। पार्क की इस जगह 25 प्रजाति के पक्षी रहेंगे।