एक माह देरी से जारी हुई फसल बीमा की अधिसूचना, लाभ लेने के लिए सिर्फ 6 घंटे

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ओलावृष्टि और बारिश से नष्ट हुई अफीम की फसल दिखाता किसान।

जोधपुर। प्रदेश में खरीफ सीजन 2023 व रबी सीजन 2023- 24 के लिए शुक्रवार 21 जुलाई को फसल बीमा अधिसूचना जारी की गई। गत वर्ष की अपेक्षा एक माह से भी अधिक देरी से जारी हुई अधिसूचना से किसानों को स्वैच्छिक फसल बीमा योजना के प्रावधान का लाभ लेने के लिए सिर्फ 6 घंटे का समय मिलेगा।

ऐसा इसलिए क्योंकि बीमा अधिसूचना के अनुसार फसल बीमे की अंतिम तिथि से 7 दिन पूर्व तक फसल बीमा योजना से बाहर होने का विकल्प चुन सकते हैं। खरीफ सीजन 2023 के लिए जारी अधिसूचना के अनुसार योजना में बीमा लेने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।

ऐसे में फसल बीमा से बाहर होने का विकल्प चुनने के लिए 24 जुलाई अंतिम तिथि है। आज शनिवार व रविवार के कारण बैंक में छुट्‌टी है। अधिसूचना में देरी के कारण व 22 जुलाई व 23 जुलाई को बैंकिंग छुट्‌टी के कारण किसानों को बीमा से बाहर होने का विकल्प आवेदन देने के लिए सोमवार को केवल 6 घंटे का समय मिलेगा।

प्रदेश में जोधपुर सहित 23 जिलों के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड व 7 जिलों के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड तथा 3 जिले के लिए पहली बार क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड को फसल बीमे के लिए अधिकृत किया है।

बीमा में 9 फसलें शामिल

जोधपुर जिले में खरीफ फसल के लिए 9 फसलों को अधिसूचित किया है। जिसमें बाजरा, मूंग, मोठ, तिल, ज्वार, चवला, कपास, मूंगफली, ग्वार की फसलें शामिल हैं। फसल बीमा क्लेम निर्धारण के लिए गारंटी उपज वर्ष 2015 से 2021 की बीच के पांच वर्षों की श्रेष्ठ उत्पादन का औसत माना गया है।

व्यक्तिगत बीमा क्लेम के अतिरिक्त अन्य सभी किसानों को फसल कटाई प्रयोग से ज्ञात वास्तविक उपज को गारंटी उपज में से घटाने पर आकलित नुकसान के अनुसार बीमा क्लेम तय होगा।

बीमित राशि इस तरह होगी तय

  • फसलों की बीमित राशि गत सात वर्षों में से श्रेष्ठ उत्पादन वाले पांच वर्षों की औसत उपज को समर्थन मूल्य/बाजार मूल्य से गुणा करने पर ज्ञात राशि के अनुसार तय की गई है।
  • किसानों को फसल बीमा लेने के लिए भी मिलेंगे केवल 10 दिन, जिसमें भी चार अवकाश
  • फसल बीमा अधिसूचना देरी से जारी होने का खामियाजा केवल बीमे से बाहर होने का विकल्प चुनने वाले किसानों को ही नही बल्कि अऋणी व बंटाईदार किसानों को भी होगा जो अपने स्तर पर फसल बीमा करवाते हैं।
  • बीमा अधिसूचना देरी से जारी होने के कारण किसानों को बीमा लेने के लिए केवल 10 दिन का ही समय मिलेगा। उसमें भी चार दिन अवकाश है। ऐसे में अऋणी किसानों व बंटाईदार किसानों को जमाबंदी तथा मूल निवास प्रमाण पत्र सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज जुटाने में समय लगेगा जिससे उनके बीमा लेने से वंचित रहने की आशंका है।
  • जिले में मौसम आधारित फसल बीमा योजना में खरीफ सीजन की पांच फसलें शामिल
  • जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचित 9 फसलों के अतिरिक्त मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत 5 फसलों को अधिसूचित किया है। जिसमें अरंडी, अनार, मेहंदी, टिंडा, टमाटर की फसलों को शामिल किया है।
  • जिले में मेहंदी व अनार को फसल बीमा में शामिल किया गया है। गत वर्ष अनार की फसल में पाला गिरने से बड़ा नुकसान हुआ था।