नई दिल्ली। आकलन वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2023 है। इसके बाद रिटर्न भरने की समय-सीमा बढ़ाए जाने की उम्मीद नहीं है। अगर आप भी आईटीआर भरना चाहते हैं तो यह प्रक्रिया शुरू करने से पहले अन्य जरूरी दस्तावेज जुटा लें। इन दस्तावेजों में फॉर्म 26एएस और एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) शामिल हैं, जिन पर रिटर्न भरते समय ध्यान देना आवश्यक है।
फॉर्म 26एएस के साथ अब एआईएस पर भी ध्यान देना जरूरी है। आईटीआर भरते समय दी गई जानकारी इन दोनों फॉर्म में दी गई सूचनाओं से मेल नहीं खाती तो रिटर्न खारिज हो सकता है। आपको आयकर विभाग से नोटिस आ सकता है। आयकर विभाग की वेबसाइट https://www.incometax.gov.in/ पर लॉगइन कर एआईएस फॉर्म को प्राप्त कर सकते हैं।
दोनों में है खास अंतर
एआईएस से पहले रिटर्न भरते समय सिर्फ फॉर्म 26एएस की जांच करनी पड़ती थी। संबंधित वित्त वर्ष में चुकाए गए सभी कर का ब्योरा आयकर विभाग के रिकॉर्ड में है या नहीं, इसकी पुष्टि फॉर्म 26एएस से होती थी। एआईएस का दायरा फॉर्म 26एएस से विस्तृत है। इसमें भरे गए कर विवरण के अलावा अलग-अलग तरीके से होने वाली आय यानी वेतन, ब्याज, लाभांश व कैपिटल गेन्स का ब्योरा भी शामिल होता है।
दोनों फॉर्म में गलत जानकारी तो क्या…
फॉर्म 26एएस और एआईएस दोनों में गलत जानकारी दी गई हो या विवरण को अपडेट नहीं किया गया हो तो ऐसे में आपके पास संबंधित वित्त वर्ष में किए गए वित्तीय लेनदेन के वैध दस्तावेज बैंक स्टेटमेंट, पासबुक, डीमैट स्टेटमेंट या सेल डीड आदि होने चाहिए। इन दस्तावेजों के आधार पर आप एआईएस में गलती सुधारने के लिए फीडबैक दे सकते हैं।
सिर्फ एआईएस के आधार पर न भरें रिटर्न
टैक्स एवं निवेश सलाहकार बलवंत जैन का कहना है कि एआईएस में जो भी वित्तीय लेनदेन की जानकारी है, उसे आईटीआर में दिखाना ही होता है। सिर्फ एआईएस के आधार पर ही रिटर्न नहीं भरना चाहिए। ऐसा नहीं है कि जो भी सूचना एआईएस में हो, वह फाइनल है। कई बार ऐसे लेनदेन भी होते हैं, जो एआईएस में अपडेट नहीं हो पाते हैं।