- आमेर में जयपुर टूरिस्ट गाइड ने किया प्रदर्शन,
- नकवी ने कहा- फिल्म को फिल्म की तरह देखो
- गोयल बोले- कहानी सामने आने के बाद विरोध करना चाहिए
जयपुर/चित्तौड़गढ़।
फिल्म पद्मावती को लेकर चल रहा विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजपूत समाज और घराने फिल्म को इतिहास के साथ खिलवाड़ और रानी पद्मिनी का अपमान बता रहे हैं। जगह-जगह प्रदर्शन के साथ सेंसर बोर्ड को लेटर लिखे जा रहे हैं। भाजपा के दो केंद्रीय मंत्रियों ने बयान देकर नई बहस छेड़ दी है।
हज कमेटी के सम्मान समारोह में बांदीकुई आए नकवी ने कहा ‘मेरा तो यही रुख है कि फिल्म को फिल्म की तरह देखो और समझो’। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय सांख्यिकी राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि जनता को कहानी सामने आने के बाद विरोध करना चाहिए।
उधर, चित्तौड़गढ़ में फिल्म के विरोध में दूसरे दिन शनिवार को भी दुर्ग के पहले दरवाजे पाडनपोल के पास सर्व समाज के बैनर तले धरना जारी रहा। धरने के साथ ही जौहर भवन में हुई बैठक में 16 नवंबर तक फिल्म के बैन नहीं करने पर 17 नवंबर को किला बंद कर उसमें पर्यटकों की आवाजाही रोक देने की चेतावनी दी है।
थप्पड़ तो ट्रेलर था: गोगामेड़ी
सुखदेव गोगामेड़ी ने कहा कि भंसाली को थप्पड़ तो सर्व समाज का उनके प्रति आक्रोश का एक ट्रेलर था। फिल्म रिलीज हुई तो इस विरोध की बाकी फिल्म भी भंसाली को देखने को मिल जाएगी।
किले में शूटिंग से पहले पढ़ेंगे स्क्रिप्ट
विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह के पुत्र देवायुष सिंह ने फिल्म को रोकने के लिए सेंसर बोर्ड को पत्र लिखा है। फिल्म की शूटिंग राजस्थान में ही हुआ, तब किसी ने विरोध क्यों नहीं किया, इस सवाल पर सिंह ने कहा कि हम इस बात पर सहमति बनाएंगे कि ऐतिहासिक फिल्मों की शूटिंग से पहले उसकी स्क्रिप्ट पूरी पढ़ी जाए।