नई दिल्ली। फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। राजस्थान, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और गुजरात में फिल्म के विरोध में प्रदर्शनों के बीच राजस्थान सरकार ने रिलीज से पहले फिल्म देखने के लिए एक पैनल का गठन किया है। सूबे के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया इस पैनल का नेतृत्व करेंगे। पैनल फिल्म को देखने के बाद राज्य सरकार को अपनी राय देगा।
सुप्रीम कोर्ट का दखल से इनकार
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अभी तो फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट तक नहीं मिला है, लिहाजा अदालत के दखल की जरूरत नहीं है। इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने भी फिल्म के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था।
शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी फिल्म ‘पद्मावती’ पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह सेंसर बोर्ड में याचिका डालें। याचिकाकर्ता कामता प्रसाद सिंघल ने याचिका में यह आरोप लगाया था कि फिल्म ‘पद्मावती’ के जरिए सती प्रथा का गुणगान किया है, लिहाजा फिल्म पर रोक लगाई जाए।
‘भंसाली पर दर्ज हो देशद्रोह का केस’
इस बीच गुजरात के बीजेपी नेता और सेंसर बोर्ड सदस्य अनिल गुप्ता ने केंद्र को खत लिखकर फिल्म निर्माता और निर्देशक संजय लीला भंसाली के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग की है।
गुप्ता ने कहा, ‘मैंने गृह मंत्री को पत्र लिखा है कि संजय लीला भंसाली पर देशद्रोह का केस दर्ज हो और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अगर यह ऐसा नहीं हुआ तो भंसाली आगे भी इस तरह की फिल्में बनाते रहेंगे।’
फिल्म के लिए दुबई से हुई फंडिंग: स्वामी
इस बीच बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने फिल्म ‘पद्मावती’ के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश का हाथ बताया है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को बदनाम करने के लिए दुबई से पैसे भेजे जा रहे हैं।
स्वामी ने आरोप लगाया है कि भारतीय महिलाओं की छवि खराब करने के लिए फिल्म (पद्मावती) के लिए दुबई से पैसे दिए गए। उन्होंने फिल्म की फंडिंग की जांच की मांग की है।
ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ न हो: राठौड़
राजस्थान के मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ ने पद्मावती विवाद पर कहा है कि ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं।
फिल्म के विरोध में कई जगह प्रदर्शन
‘पदमावती’ की रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर इन दिनों राजस्थान समेत कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। शुक्रवार को महाराष्ट्र के ठाणे में फिल्म के खिलाफ बड़ा विरोध-प्रदर्शन आयोजित हुआ। गुजरात में भी राजपूत संगठन फिल्म का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने भी फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।
क्या है विवाद
फिल्म का विरोध करनेवालों का आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है। आरोप है कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच रोमांटिक सीन फिल्माया गया है, जिसे खिलजी अपने सपने में देखता है।
हालांकि भंसाली ने ऐसे किसी भी सीन से इनकार किया है। विरोधियों का आरोप है कि फिल्म में खिलजी का महिमा मंडन किया गया है और रानी पद्मावती की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है।
भंसाली ने आरोपों को किया खारिज
पद्मावती के निर्माता संजय लीला भंसाली ने फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है, ‘मैंने फिल्म ‘पद्मावती’ बेहद ईमानदारी, मेहनत और जिम्मेदारी से बनाई है। मैं रानी पद्मावती की कहानी से हमेशा से बेहद प्रभावित रहा हूं।
यह फिल्म उनकी वीरता और आत्म बलिदान को नमन करती है। कुछ अफवाहों की वजह से यह फिल्म विवादों का मुद्दा बन गई है। अफवाह यह है कि फिल्म में रानी ‘पद्मावती’ और अलाउदीन खिलजी के बीच कोई ड्रीम सीक्वंस दर्शाया गया है। मैंने इस बात को पहले ही नकारा है और लिखित प्रमाण भी दिया है।’
शुरुआत से ही विवादों में है फिल्म
‘पद्मावती’ एक पीरियड ड्रामा है जिसमें दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म में पादुकोण रानी पद्मावती की भूमिका निभा रही हैं, जिन्होंने अलाउद्दीन खिलजी की सेना के हाथों अपने पति के मारे जाने के बाद जौहर कर लिया था यानी अपने पति की चिता के साथ खुद भी जल गईं थी।
फिल्म की शूटिंग के वक्त से ही इसे कई विवादों और विरोध-प्रदर्शन से जूझना पड़ रहा है। श्री राजपूत करणी सेना ने जयपुर में फिल्म के सेट को नष्ट कर दिया था। इसके अलावा पिछले महीने करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने भंसाली की पिटाई भी की थी। करणी सेना ने भंसाली को चेतावनी दी है कि अगर फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई तो उन्हें गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।