कोटा। नशा मुक्ति के प्रेरक एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. आरसी साहनी ने कहा है कि तंबाकू का नशा जवानों की सेहत पर सुनियोजित हमला है। उन्होंने आरएसी जवानों को शराब, तंबाकू, गुटखा आदि उत्पादों का बहिष्कार करने का संकल्प दिलाया। न
शा मुक्ति पखवाड़े के तहत डॉ. साहनी ने कहा कि हर सेकंड में दुनिया में 6 व्यक्ति नशे के कारण मरते हैं। 27 सौ मौतें प्रतिदिन होती है। 5500 नए किशोर-किशोरियों इस गलत प्रवृत्ति की ओर अग्रसर हो जाते हैं। एक वर्ष में 900000 मौतें सिर्फ तंबाकू के कारण होती है। उन्होंने आरएसी पुलिस के जवानों के बीच संख्याओं का समाधान करते हुए आश्वस्त किया कि जो लोग भी नशे की लत के शिकार हैं, वह अपने परिवार पर बोझ न बनें।
इस अवसर पर गुरु नाम सिंह अमबाबली ने कहा कि किसी भी धर्म में तंबाकू और शराब के नशे को वर्जित बताया है। अतः लोगों को इसे बंद कर देना चाहिए। इस अवसर पर आरएसी कमांडेंट पवन जैन ने कहा कि स्वस्थ पर्यावरण ही अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी है। जैन ने बतया कि आरएसी परिसर में हरा भरा वातावरण पेड़ पौधों की रक्षा उनका संवर्धन हर जवान ने अपनी मेहनत और निष्ठा के साथ किया है। इसी कारण कोई बीमारी इन लोगों को नहीं घेरती।
कार्यक्रम में पर्यावरणविद बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का आरएसी परिसर बेहतर उदाहरण बन गया है, जो राजस्थान में अपने आप में अनूठा है। संवेदना सेवा समिति एवं रिसर्च फाउंडेशन की चीफ काउंसलर अंकिता अग्रवाल ने समिति द्वारा नशा मुक्ति के कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। सोमवार को प्रातः 9:00 सेना के गांधी ऑडिटोरियम में डॉ. साहनी का संबोधन होगा।