नई दिल्ली। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय बाजार में पिछले साल अगस्त के बाद सर्वाधिक निवेश किया है। मई में अब तक इन निवेशकों ने कुल 37,317 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं, जबकि अगस्त में 51,204 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे। उसके बाद नवंबर में इन्होंने 36,239 करोड़ रुपये का शेयर खरीदा था।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिट लि. (एनएसडीएल) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक एफआईआई ने कुल 22,738 करोड़ रुपये का निवेश किया है। 2022 में इन्होंने 1.21 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी जबकि 2021 में 25,752 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे। इस तरह से 2020 के बाद का सालाना आधार पर यह अब तक रिकॉर्ड निवेश है।
आंकड़ों के मुताबिक, 1 से 15 मई तक के पखवाड़े में जिन सेक्टर में सबसे ज्यादा निवेश किया गया है, उसमें ऑटोमोबाइल एवं उसके कलपुर्जे (4,705 करोड़), वित्तीय सेवा (8,382 करोड़) और तेल एवं गैस (2,319 करोड़) है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के मुताबिक, सात उभरते देशों में केवल भारत में मई में एफआईआई का निवेश सकारात्मक रहा है। भारतीय बाजार में एफआईआई के निवेश का मूल्य 46.7 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। कुल बाजार पूंजीकरण में एफआईआई का हिस्सा 17.2 फीसदी है।
भारत में विदेशी निवेशक इसलिए निवेश कर रहे हैं क्योंकि यहां लगातार महंगाई घट रही है। बेहतर मैक्रोइकनॉमिक स्थिति है। रुपये में लंबे समय से एक स्तर पर स्थिरता बनी है। कॉरपोरेट की आय लगातार बढ़ रही है। साथ ही देश की जीडीपी पर दुनिया भर की एजेंसियों का लगातार सकारात्मक रुझान बना हुआ है।
एफआईआई जब भी सकारात्मक निवेश करते हैं, भारतीय बाजार में इसका असर दिखता है। 2020 और 2021 में एफआईआई के भरोसे बाजार तेजी में रही, लेकिन जब 2022 में एफआईआई ने पैसे निकाले तो बाजार में गिरावट रही। इस साल एफआईआई की वापसी के बाद एक बार फिर भारतीय बाजार 62 हजार के पार पहुंच कर कारोबार कर रहा है।