कालेधन पर वार: हजारों रिटर्न और बेनामी संपत्तियां जांच के घेरे में

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20 हजार संदिग्ध ITR की जांच शुरू, कर चोरी की सबसे अधिक आशंका वाले  एक लाख रिटर्न की भी पहचान की है

नई दिल्ली। आयकर विभाग 20 हजार से अधिक संदिग्ध आईटी रिटर्न की जांच कराएगा, वहीं बेनामी संपत्तियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।

आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि नोटबंदी से पहले और बाद में इन लोगों के रिटर्न में भारी अंतर देखने को मिला है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।  सूत्रों ने बताया कि विभाग ने 20,572 आईटी रिटर्न को विस्तृत जांच के लिए चुना है।

इनके अलावा विभाग ने कर चोरी की सबसे अधिक आशंका वाले  एक लाख रिटर्न की भी पहचान की है, जिनकी जांच की जा सकती है। उन्होंने बताया कि आयकर विभाग लोगों से रिकॉर्ड जमा करता है।

इसके बाद अधिकारी इन दस्तावेजों की समीक्षा कर यह सुनिश्चित करते हैं कि जानकारी गलत तो नहीं है या फिर कर चोरी तो नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक विभाग ने इस साल 31 जनवरी को ‘ऑपरेशन क्लीन मनी ’चलाया था।

इसका मकसद पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट चलन से बाहर किए जाने के बाद बैंकों में जमा कराए गए कालेधन का पता लगाना था। 

23.22 लाख संदिग्ध खातों की पहचान 
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक विभाग ने नोटबंदी के बाद 23.22 लाख खातों में से 17.73 लाख संदिग्ध मामलों की पहचान की है।

इनमें 3.68 लाख करोड़ रुपये की राशि जमा कराई गई। इन मामलों में संबंधित लोगों को नोटिस भेजा गया। इनमें से 11.8 लाख ने ऑनलाइन माध्यमों से जवाब दाखिल कर दिया है। 

बेनामी संपत्तियों पर सरकार सख्त, 1833 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त 
केंद्र सरकार ने बेनामी संपत्तियों के लेकर सख्त रुख अपना लिया है। सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्र ने सोमवार को कहा कि आयकर विभाग बेनामी संपत्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखेगा।

सीबीडीटी के चेयरमैन ने कहा, मैं आपको यह आश्वासन दे सकता हूं कि यह जांच कभी बंद नहीं होगी। हम इस तरह की संपत्तियों के बारे में हर उपलब्ध स्रोतों से सूचना एसवं आंकड़े जमा कर रहे हैं।

इस तरह की और भी संपत्तियों की पहचान की जाएगी और उन्हें जब्त किया जाएगा। आयकर विभाग ने बेनामी संपत्तियों के खिलाफ जारी कार्रवाई के तहत अब तक 1833 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। अक्तूबर तक उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1833 करोड़ रुपये की 541 संपत्तियां जब्त की गईं। इसके लिए 517 से अधिक नोटिस जारी किए गए थे।